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कोरोना प्रभाव : दिल्ली की जेलों से लॉकडाउन के चौथे दिन 419 कैदी किए गए रिहा

कोरोना के कहर से दुनिया की जेल भी भला कैसे बचतीं। कोरोना इंसान के इंसान से छूने से ही फैल रही है

कोरोना प्रभाव : दिल्ली की जेलों से लॉकडाउन के चौथे दिन 419 कैदी किए गए रिहा
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नई दिल्ली। कोरोना के कहर से दुनिया की जेल भी भला कैसे बचतीं। कोरोना इंसान के इंसान से छूने से ही फैल रही है। दुनिया की शायद ही ऐसी कोई जेल हो जिसमें कैदियों को गाजर-मूली की मानिंद ठूंस-ठूंस कर न भरा गया हो। ऐसे में भला कोरोना के साइड इफेक्ट्स से एशिया की सबसे मजबूत तिहाड़ जेल भी कैसी महफूज रहती।

इसी के चलते और सोशल डिस्टेंशिंग को कड़ाई से लागू करने की उम्मीद में दिल्ली की जेलों से शनिवार को करीब 419 कैदी रिहा कर दिए गए। कैदियों को रिहा किए जाने की पुष्टि आईएएनएस से शनिवार रात बात करते हुए दिल्ली जेल के महानिरीक्षक जेल और दिल्ली जेल प्रवक्ता राज कुमार ने की। उन्होंने आगे कहा, अलग जेलों से काफी कैदियों की रिहाई की गई है। दिल्ली की जेलों से शनिवार को रिहा होने वाले कैदियों में सबसे ज्यादा संख्या अंतरिम जमानत की श्रेणी वाले कैदियों की (356) है।

जेल महानिरीक्षक ने आगे कहा, "63 कैदियों को आपातकालीन (आकस्मिक) पैरोल पर रिहा किया गया है।"

उल्लेखनीय है कि अंतरिम जमानत के तहत कैदी को 45 दिन के लिए रिहा किया जाता है। जबकि आकस्मिक पैरोल पर कैदी 8 सप्ताह जेल से बाहर रह सकता है। यह तमाम कसरत जेल में बंद कैदियों की तादाद को कम करके सोशल डिस्टेंसिंग की उम्मीद में की गई है।

यहां उल्लेखनीय है कि दिल्ली राज्य में तिहाड़, मंडोली, रोहिणी में कुल 16 जेल हैं। इनमें दो महिला जेल भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा भीड़ फिर भी तिहाड़ की पुरानी जेलों में ही कैदियों की है।

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली की सभी जेलों में कैदियों को बंद रखने की क्षमता 10 हजार के करीब है। इसके बावजूद दिल्ली की जेलों में कैदी बंद हैं करीब 17500 कैदी। यहां यह भी बताना जरूरी है कि दिल्ली जेल महानिदेशालय करीब 3000 कैदी फिलहाल कुछ समय के लिए रिहा करने की सोच रहा है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग फार्मूला ठीक से अमल में लाकर कोरोना को हराया जा सके।

कोरोना के सामने आने वाले दिनों में दिल्ली की जेलों में 18 कैदियों को संदेह के आधार पर बाकी कैदियों की भीड़ से अलग किया गया था। अब जो भी कैदी नया जेल में पहुंच रहा है, उसे पहले कुछ दिन अलग रखने के बाद ही बाकी कैदियों के साथ रहने भेजा जा रहा है, ताकि कहीं कोई संक्रमित बाहर से आने वाला कैदी अंदर बंद कैदियों के लिए बबाल-ए-जान न बन जाए। जिन कैदियों को हाल-फिलहाल दिल्ली जेल महानिदेशालय ने एहतियातन बाकी कैदियों की भीड़ से अलग रखा है, उनमें कुछ कैदी विदेशी भी हैं।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में लंदन से पकड़ लाया गया अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट सट्टेबाज संजीव चावला भी इस वक्त दिल्ली की जेल में बंद है।


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