प्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से हटेगा कोरोना कर्फ्यू : शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थित नियंत्रण में है

होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थित नियंत्रण में है। प्रदेश में एक जून से क्रमबद्ध रूप से कोरोना कर्फ्यू को हटाया जाएगा। नर्मदापुरम संभाग को 31 मई तक कोरोना मुक्त किया जाएं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज यहाँ जिले के एनआईसी कक्ष में नर्मदापुरम संभाग के तीनों जिले बैतूल, हरदा और होशंगाबाद में कोविड़ की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में आ गई है। सभी के समन्वित प्रयासों से यह संभव हो पाया है। प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट घटकर 4.2 प्रतिशत पर पहुँच गई है। कोरोना की जड़ों पर अंतिम प्रहार कर ग्राम, वार्ड, पंचायत और पूरे जिले को 31 मई तक कोरोना मुक्त करें। कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन किया जाए। शादी समारोह आदि भीड़भाड़ वाले आयोजन 31 मई तक टाले। प्रत्येक काेरोना पीड़ित परिवार की हरसम्भव मदद सरकार करेगी।
श्री चौहान ने कहा कि अधिक संक्रमण वाले ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया जाए। ऐसे क्षेत्रों में प्रशासन पूरी ताकत से सर्दी, खांसी एवं बुखार के मरीजों को पहचान कर तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराकर इलाज कराये। इस कार्य में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप सक्रिय भूमिका निभाएं। संक्रमित व्यक्तियों के लिए होम आइसोलेशन की व्यवस्था परफेक्ट हो। घरों में पर्याप्त स्थान न होने की दशा में कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया जाए। सैनिटाईजेशन कार्य निरंतर जारी रखे।
उन्होंने कहा कि आक्रामक टेस्टिंग रणनीति अपनाई जाकर ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कार्य किया जाए। वेंटिलेटर, ऑक्सीजन बेड्स में भर्ती प्रत्येक मरीज की सघन निगरानी करें। प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाना जरूरी है। कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का सामना करने के लिए भी आवश्यक तैयारियाँ सुनिश्चित की जाएं। कोरोना प्रोटोकॉल का इतना सख्ती से पालन किया जाए कि तीसरी लहर आएं ही नहीं।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना पर राज्य सरकार अनुदान और बिजली शुल्क में रियायत देगी। प्रदेश में ब्लैक फंगस के इलाज की भी समुचित व्यवस्थाएँ एवं दवाइयों की व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही है। प्रदेश में किल कोरोना अभियान जारी रखा जाए। सर्दी, खाँसी, जुकाम से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति की पहचान कर उसे तत्काल मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने संभाग के तीनों जिले में ब्लैक फंगस की जाँच के लिए व्यवस्थाएँ बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एवं अन्य राज्यों से कोरोना संक्रमण के बढ़ने का खतरा अधिक है। महाराष्ट्र की बॉर्डर को पूरी तरह सील रखें। इटारसी रेलवे स्टेशन पर भी टीम नियोजित रहे, जिनके द्वारा स्टेशन पर बाहर से आने वाले नागरिकों की सघन स्क्रीनिंग की जाए। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी उपाय है। क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा टीकाकरण के खिलाफ फैली भ्रांतियों को दूर किया जाये और लोगों में जागरूकता लायी जाये। वैक्सीन को एक भी डोज को बेकार नहीं होने दें।
उन्हाेंने कहा कि कोरोना शरीर के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी लोगों को तोड़ देता है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज हो यह सुनिश्चित किया जाए। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को निशुल्क राशन का वितरण हो जाए। राशन वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो इसका विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। कोरोना के प्रकोप में जो बच्चे अनाथ हो गये हैं उनके लिए पाँच हजार रूपये प्रतिमाह की पेंशन, नि:शुल्क राशन और उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की जा रही है। निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन परिवारों में कोविड़ से मृत्यु हुई है, उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है।
इस समीक्षा बैठक में होशंगाबाद, हरदा एवं बैतूल जिले के कलेक्टरों ने भी जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों के बारे जानकारी दी। विधायकों ने भी स्वास्थ्य सुविधाओं को और अधिक मजबूत बनाने के सुझाव दिए हैं।


