छत्तीसगढ़ विधानसभा में गौशालाओं के मुद्दे पर हंगामा
छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्रवाई के दौरान प्रदेश की गौशालाओं में अनियमितता व गड़बड़ी का मुद्दा जोरशोर से उठा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रश्नकाल की कार्रवाई के दौरान प्रदेश की गौशालाओं में अनियमितता व गड़बड़ी का मुद्दा जोरशोर से उठा।
इसमें विपक्षी कांग्रेस सदस्य भूपेश बघेल ने मुद्दे को सदन में उठाया और सरकार पर आरोप लगाया कि गौशालाओं में जमकर कमीशनखोरी चल रही है, गौशालाएं खोलकर पैसा कमाने का जरिया बना लिया गया है। अनुदान के नाम पर काफी बंदरबाट हुआ है। जिसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन जांच हो नहीं रही है।
जवाब में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिन जगहों में शिकायतें मिली है सरकार ने जांच कराकर कार्रवाई की है। उनका कहना था कि पिछले दिनों सरकार दोषी के खिलाफ धारा 420 और 120 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने पशुक्रुरता अधिनियम के तहत कार्रवाईयां की है।
यहां तक कि शिकायतों की छानबीन के लिए सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है जो छानबीन का काम कर रही है। इसमें एक मंडल उपसमिति बनाई गई है। जिसकी देखरेख में यह निरीक्षण का काम चल रहा है। मंत्री का कहना था कि एक व्यक्ति को जेल भेजा गया।
वहीं मंत्री के जवाब से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए उन्होंने जवाबी हमला बोला और पूछा कि जिस व्यक्ति को सरकार सलाखों के पीछे भेजने की बातें कह रही है उक्त व्यक्ति ने कमीशन नहीं देने का आरोप लगाया है।
सदस्य ने गायों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को लेकर सवाल-जवाब किए। जवाब में मंत्री का कहना था कि गायों की मौत पर्याप्त भोजन नहीं मिलने , ठंड और कीचड़ में फैली बीमारी व शेड की व्यवस्था न होने के कारण गायों की मौते हुई है। विपक्षी कांग्रेस सदस्य ने गायों का मांस बिक्री किये जाने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि गौशालाओं में गायों की मौत से चिंतित हैं।
अनुदान के नाम पर काफी बंदरबाट हुआ है। कृषि मंत्री का कहना था कि सरकार पंजीकृत गौशालाओं को हर तीन माह में अनुदान प्रदान करती है। इसमें प्रतिमाह 750 व प्रति गाय 25 रुपये की दर से अनुदान दिया जा रहा है। पहले शेड निर्माण के लिए 2 लाख रुपये अनुदान दिया जाता था जिसे बढ़ाकर 5 लाख दिया जा रहा है। एक गौशाला को अधिकतम 20 लाख का अनुदान दिया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि गौसेवा आयोग के अध्यक्ष पर किसी तरह के आक्षेप काफी अनुचित है। वे ईमानदार व्यक्ति है। उन्हें सदन के अंदर सर्टिफिकेट प्रदान करता हूं। लेकिन विपक्ष मंत्री के जवाब से असंतुष्ट रहा और सदन से वॉकआउट कर दिया।


