स्वच्छता व जल शक्ति अभियान में करें सहयोग : डीसी
स्वच्छता व जल शक्ति अभियानों की सफलता के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी

पलवल। स्वच्छता व जल शक्ति अभियानों की सफलता के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी है, जिला प्रशासन की ओर से इन दोनों अभियानों को जन अभियान बनाने के लिए लोगों से निरंतर सहयोग की अपील की जा रही है। उक्त बातें गुरूवार को डीसी यशपाल यादव ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मीडिया एक सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा लोगों के हित के लिए चलाई जा रही इन जन कल्याणकारी योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में उन्हें जागरूक करता है। स्वच्छता व जल शक्ति जैसे अभियान के बारे में मीडिया के सभी माध्यमों के द्वारा लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमु्रत योजना के तहत करीब 122 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसका कार्य अगले वर्ष मार्च माह तक पूरा होने की संभावना है।
इसी प्रकार शहर में लोगों से अपील की जा रही है कि घरों से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े का या तो स्वयं निस्तारण करना सुनिश्चित करें या फिर नगर परिषद द्वारा डोर-टू-डोर कूडा कलैक्शन की जो योजना बनाई जा रही है, उसका लाभ उठाएं। लोगों को चाहिए कि वह कूड़े को इधर-उधर ना फैंके तथा पलवल को साफ व स्व'छ बनाए रखने में प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि शहर में 18 जगह ऐसी चिंहित की गई हैं, जहां कूड़े को इक कर सूखा व गीला कचरा अलग-अलग किया जाएगा तथा कूड़े को कम्पोस्ट में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अलावा सूखे कूड़े को रि-साइकल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से एक जुलाई से जल शक्ति अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत गांवों व शहरों में विभिन्न गतिविधियां संबंधित विभागों के माध्यम से करवाई जा रही हैं। ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांवों में 500-500 पौधे रोपित किए जा रहे हैं।
स्कूलों में भी पौधा रोपण व जल संरक्षण के प्रति जागरूकता के कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं। गांव व शहरों में तालाबों का सुधारीकरण तथा करीब 11 तालाबों को मॉडल तालाबों के रूप में विकसित किया जाएगा। गांवों के पानी की निकासी को तालाबों से जोड़ा जाएगा। किसानों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अधिक पानी से होने वाली फसलों की बजाय कम सिंचाई से होने वाली फसलों का उत्पादन करें। लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे घरों में सोख्ता गड्ढे अवश्य बनवाएं ताकि पानी को भूमि में रिचार्ज किया जा सके।


