खाने-पीने की सुविधा ठीक न रहने सोने का इंतजाम अच्छा
राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में आये बच्चों के लिये कोई इंतजाम नहीं किये गये

बिलासपुर। राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में आये बच्चों के लिये कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं। सरकारी स्कूलों में भेड़ बकरियों की तरह बच्चों को रखा गया है। वही खेल मैदान तक जाने के लिये गाड़ी की कोई व्यवस्था नहीं है। खिलाड़ी स्वयं शहर में पैदल मार्च कर ग्राउंड पहुंच रहे हैं। 18वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में शहर आये खिलाड़ियों ने बताया कि उनके खेलने के ठहरने, खाने पीने की उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
शासकीय स्कूलों के कमरों में धर्मशाला के बारातियों की तरह रखा गया है। प्रसाधन कक्ष बदहाल है। वही खुले में खाना बनाया जा रहा है। इसके अलावा बच्चों ने कहा कि गद्दा है। तो चादर नहीं है। अगर दोनों है तो तकिये के लिये अपने बैग को रखकर रात गुजार रहे हैं। कुछ बच्चों ने बताया कि खाने-पीने के उचित इंतजाम नही है दो दिन हो गये फल व दूध नहीं दिया गया है। जिससे बाहर से खाना पीना पड़ रहा है। गौरतलब हो कि बिलासपुर में 31 अगस्त से 18वीं राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता शुरु की गई है।
जिसमें भाग लेने प्रदेश के 12 जोन के 1660 खिलाड़ी शहर पहुंचे हैं। जो शहर के अलग-अलग ग्राउंड में बेसबाल, तीरंदाजी, नेटबाल आदि खेलों का प्रदर्शन कर रहे हैं। मगर जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा 1660 खिलाड़ियों के लिये कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
जिससे इन खिलाड़ियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के गड्ढे मैदानों में खेल का आयोजन किया जा रहा है। जहां खिलाड़ी घायल हो रहे हैं। वही उनके ठहरने के लिये शासकीय स्कूलों को दिया गया है। जहां पानी, टायलेट, खाने पीने के उचित इंतजाम नहीं किये गये हैं।


