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अलग कोरोना कब्रिस्तान को लेकर विवाद, विहिप ने उठाए सवाल

दिल्ली में कोरोना से मरने वालों के लिए अलग कब्रिस्तान बनाए जाने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है

अलग कोरोना कब्रिस्तान को लेकर विवाद, विहिप ने उठाए सवाल
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नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना से मरने वालों के लिए अलग कब्रिस्तान बनाए जाने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इसे राजधानी के एक बड़े पार्क पर कब्जे की साजिश करार दिया है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विहिप इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना से मरने वालों को दफनाने की नहीं, जलाने की जरूरत है। जलाने से कोरोना का वायरस भी स्वाहा हो जाएगा, नहीं तो पार्क में आने-जाने वाले भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

दरअसल, दिल्ली वक्फ बोर्ड ने रिंग रोड स्थित इंद्रप्रस्थ मिलेनियम पार्क के पास कोरोना से मरने वालों के लिए अलग कब्रिस्तान बनाने की तैयारी की है। वक्फ बोर्ड का तर्क है कि जानकारी के अभाव में अन्य कब्रिस्तानों में कोरोना से मरने वालों को दफनाने नहीं दिया जा रहा है, इस नाते अलग कोविड-19 कब्रिस्तान बनाने की जरूरत महसूस हुई।

दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ का पत्र सामने आने के बाद विश्व हिंदू परिषद नेता विनोद बंसल ने नाराजगी जताई है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "वक्फ बोर्ड कहीं भी कब्रिस्तान का बोर्ड लगा देता है और वह जगह उसकी हो जाती है। राजधानी के एक बड़े सुंदर पार्क को बदसूरत कर उस पर अनाधिकृत कब्जे के षड्यंत्र को स्वीकार नहीं किया जाएगा। अगर कोविड-19 पीड़ित शवों से दूसरे कब्रिस्तान के मुर्दों को खतरा है तो क्या इंद्रप्रस्थ मिलेनियम पार्क के हजारों देशी-विदेशी पर्यटकों व उससे सटे गांव नगली रजापुर के जीवन को खतरा नहीं होगा? कैसी मानसिकता है यह?"

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "कोरोना की आड़ में कब्जे के दिल्ली वक्फ बोर्ड के षड्यंत्रों का भंडाफोड़। दिल्ली सरकार को वक्फ बोर्ड की बातों में आकर ऐसा घातक कदम कतई नहीं उठाना चाहिए। बल्कि कोरोना पीड़ित सभी शवों का अग्निदाह ही होना चाहिए, ताकि तेज अग्नि में कोरोना को पूरी तरह स्वाहा किया जा सके।"


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