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मप्र में पंचायत आरक्षण पर तकरार, कल सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई

मध्य प्रदेश में पंचायती राज चुनाव को लेकर खींचतान और तकरार का दौर जारी है

मप्र में पंचायत आरक्षण पर तकरार, कल सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई
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भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायती राज चुनाव को लेकर खींचतान और तकरार का दौर जारी है। चुनाव में वर्ष 2014 के आरक्षण को ही लागू करने के खिलाफ कांग्रेस ने सरकार पर पहले हमला बोला और अब मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय जा पहुंची है, जहां शनिवार को सुनवाई होगी। दूसरी ओर भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस को हार साफ नजर आ रही है इसलिए अभी से राग अलापने लगी है। राज्य में पंचायतों के वर्ष 2019 में किए गए परिसीमन को अभी हाल ही में निरस्त कर दिया गया, क्योंकि पंचायती राज अधिनियम के मुताबिक नया परिसीमन होने के एक साल में चुनाव आवश्यक हैं, मगर ऐसा नहीं हो पाया था। वहीं आरक्षण की व्यवस्था जो वर्ष 2014 में थी उसे ही लागू रखा गया है, कांग्रेस ने इसे पंचायती राज नियम के खिलाफ बताते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया है।

कांग्रेस के प्रवक्ता सैयद जाफर के अनुसार, दो साल से पंचायत चुनाव की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों की उम्मीद और उनके अधिकारों को छीनने वाली भाजपा सरकार को जल्द मिलेगा.. संविधानिक जवाब। सुप्रीम कोर्ट मध्य प्रदेश के लाखों पंचायत प्रतिनिधियों को देगा.. संवैधानिक अधिकार।

उन्होने बताया है कि उनकी और जया ठाकुर की याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने स्वीकार कर लिया है, जिस पर सुनवाई शनिवार को होगी। इस याचिका में प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2019 के परिसीमन और आरक्षण को निरस्त करने के आदेश को चुनौती दी गई है।

इससे पहले गुरुवार को जबलपुर उच्च न्यायालय ने पांच याचिकाओं की सुनवाई करते हुए चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

राज्य में पंचायती राज अधिनियम 1993 के अंतर्गत ग्राम पंचायतों के सरपंच पद के लिए रोटेशन पद्धति से आरक्षण करने की व्यवस्था की गई है, जिसके अंतर्गत अधिनियम लागू होने से अभी तक लगभग पांच बार पंचायती राज के चुनाव हो चुके हैं, जिसमें हर बार रोस्टर पद्धति का पालन करते हुए आरक्षण किया गया है। इस व्यवस्था का आशय यह है कि जो पंचायत बीते चुनाव में जिस वर्ग के लिए आरक्षित थी, उस वर्ग के लिए अगले चुनाव में आरक्षित न हो, मगर इस बार पूर्व के आरक्षण के आधार पर ही चुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर कांग्रेस लगातार विरोध दर्ज करा रही है और अब मामला न्यायालय तक जा पहुंचा है।

कांग्रेस के आरोपों का भाजपा ने जवाब दिया है और कहा है कि कांग्रेस को पंचायतों के चुनाव में हार नजर आ रही है, इसलिए तरह-तरह के तरीके आजमा रही है। राज्य के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कांग्रेस को पता है कि उपचुनाव की तरह पंचायत चुनाव में भी उसकी हार होने जा रही है। जिस तरह कांग्रेस हर चुनाव रोकने के लिए अलग-अलग तरीके आजमाती है, उससे पता चलता है कि वो जमीनी स्तर पर साफ हो रही है।


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