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कुवैत में रहने वाले बिहार व झारखंड के प्रवासी विकास में दें योगदान : आनंद कुमार

चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने बिहार व झारखंड के प्रवासी भारतीयों को कुवैत में रहकर अपने-अपने राज्य की प्रगति में योगदान देने की अपील की

कुवैत में रहने वाले बिहार व झारखंड के प्रवासी विकास में दें योगदान : आनंद कुमार
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पटना/कुवैत। चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने बिहार व झारखंड के प्रवासी भारतीयों को कुवैत में रहकर अपने-अपने राज्य की प्रगति में योगदान देने की अपील की। आनंद बिहार-झारखंड एसोसिएशन 'मौर्य कला परिषद' के 25 साल पूरे होने के अवसर पर शुक्रवार को कुवैत में आयोजित एक समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड कभी पिछड़े हुए राज्य माने जाते थे, मगर पिछले एक दशक से ये तेजी से प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार को अन्य विकसित राज्यों के बराबर आने के लिए दशकों तक इसी गति को जारी रखने की जरूरत है।

उन्होंने कुवैत में रहने वाले बिहार के लोगों से अपील करते हुए कहा, "समाज में बदलाव लाने के लिए शिक्षा सबसे सशक्त माध्यम है। शिक्षा के अलावा एनआरआई भी राज्यों की आय और रोजगार सृजन जैसी गतिविधियों में शामिल होकर अपना योगदान दे सकते हैं।"

आनंद ने कहा, "मजबूत और सफल समुदाय अगर साथ दें तो ऐसा कोई कारण नहीं है कि मानव विकास सूचकांक के सभी मापदंडों पर दोनों राज्य शीर्ष पर न पहुंचें। बिहार और झारखंड की समृद्धि के लिए उसके पास सस्ता श्रम, उपजाऊ भूमि, कड़ी मेहनत करने वाले मानव संसाधन और जनसांख्यिकीय लाभांश मौजूद हैं।"

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में युवाओं की एक बड़ी आबादी है। प्रगतिशील सरकार है। जलवायु अच्छी है। बिजली आपूर्ति में कोई समस्या नहीं है। इन सभी कारकों ने इसे व्यवसायियों और उद्योगपतियों के लिए एक पसंदीदा स्थान बना दिया है।

कुवैत में रहने वाले बिहार और झारखंड के लोगों की प्रशंसा करते हुए आनंद ने कहा कि बिहार व झारखंड के लोगों ने यहां कठिन परिश्रम करके खुद की एक अलग पहचान बनाई है और साथ ही उन्होंने अभी तक अपने मूल्यों को भी जीवित रखा है। ऐसे लोगों को अब समाज को वापस देने के बारे में सोचना चाहिए।


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