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विजन आईएएस पर उपभोक्ता फोरम का बड़ा फैसला, अन्य कोचिंग के लिए सबक

परेशान छात्र ने जिला उपभोक्ता आयोग ग्वालियर के समक्ष फीस वापसी हेतु शिकायत प्रस्तुत की थी। कोचिंग संस्थान द्वारा एक तरफा बनाई गई नियम एवं शर्तों को भी निरस्त करने का जिला आयोग से निवेदन

विजन आईएएस पर उपभोक्ता फोरम का बड़ा फैसला, अन्य कोचिंग के लिए सबक
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गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: दिल्ली में संचालित प्रतिष्टित आईएएस कोचिंग संस्थान पर ग्वालियर उपभोक्ता फोरम ने एक लाख से अधिक का जुर्माना लगाया है। यह फैंसला फोरम ने दिल्ली में आईएएस की तैयारी करने गए एक छात्र की शिकायत पर दिया है।
ग्वालियर के इंदिरा नगर निवासी छात्र आकाश यादव द्वारा दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित संस्थान आईएएस विजन में आईएएस की तैयारी करने हेतु प्रवेश लिया था और ₹180000 की फीस कोचिंग संस्थान को जमा की थी कोचिंग संस्थान प्रतिष्ठित होने से छात्र के द्वारा एकमुश्त धनराशि प्रवेश के समय ही ₹180000 जमा कर दिए थे।
छात्र जब कोचिंग अटेंड करने गया तो उसने देखा कि कोचिंग क्लास के अंदर ढाई सौ छात्रों की अपेक्षा लगभग 500 छात्र थे। इससे काफी भीड़ भाड़ कक्षा में हो रही थी एवं पढ़ाई का तरीका भी छात्र को समझ में नहीं आया इस पर छात्र ने कोचिंग संस्थान से अपनी धनराशि वापस करने का निवेदन किया किंतु छात्र से कोचिंग संस्थान द्वारा यह कहकर ई-मेल करवाया गया कि उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है इसलिए उसकी फीस वापस कर दी जाए जब छात्र अपने घर ग्वालियर आया इस दौरान वह बीमार हो गया। शिक्षण पसंद ना आने एवं स्वास्थ्य खराब होने से छात्र कोचिंग अटेंड नहीं कर सका।
कोचिंग संस्थान से कई बार फीस वापस मांगने का अनुरोध किया एवं अपने अभिभाषक से विधिक सूचना पत्र भी प्रेषित करवाया किंतु कोचिंग संस्थान ने फीस वापस करने से इंकार कर दिया तब मनोज उपाध्याय एडवोकेट के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग ग्वालियर के समक्ष फीस वापसी हेतु शिकायत प्रस्तुत की थी। कोचिंग संस्थान द्वारा एक तरफा बनाई गई नियम एवं शर्तों को भी निरस्त करने का जिला आयोग से निवेदन किया था शिकायत को आंशिक स्वीकार कर जिला आयोग के सदस्य श्री रेवती रमण मिश्र ने आदेश पारित किया कि संस्थान जीएसटी राशि कम कर ₹100000 एक लाख रुपए फीस के वापस करें एवं ₹8000 प्रकरण व मानसिक क्षति के रूप मेंछात्र को वापस करें। प्रकरण में छात्र की ओर से पैरवी मनोज उपाध्याय अधिवक्ता द्वारा की गई।
अखिल भारतीय ग्राहक पँचायत के जिला सचिव सुनील श्रीवास्तव ने इस फैंसले को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि क्षमता से ज्यादा छात्र, अयोग्य शिक्षक व अन्य अव्यवस्थाएं कोचिंग संस्थान में आम हैं। फीस न लौटना तो एक तरह से छात्र के साथ ठगी है। इन कोचिंग पर प्रशासन का दवाब न होने के कारण यह अपने नियम खुद बना मनमानी करते हैं। संगठन जल्द ही पत्र व ईमेल के माध्यम से मानव संसाधन व अन्य सम्बंधित विभागों को इस समस्या से अवगत कराएगा ताकि कोई साफ नियम इन घटनाओं को रोकने के लिए बन सके। शहर में संचालित कोचिंग भी छात्रों को बिना आना कानी के फीस वापस करें व अन्य नियमों का पालन करें इसके लिए ज्ञापन देकर जिला कलेक्टर को इस समस्या से अवगत कराया जाएगा।


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