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समूहों की महिलाओं को स्कूल ड्रेस के साथ स्वेटर बुनाई से भी जोड़ें : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूली बच्चों के ड्रेस निर्माण के साथ स्वेटर बुनाई से भी महिला स्वयं समूहों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं

समूहों की महिलाओं को स्कूल ड्रेस के साथ स्वेटर बुनाई से भी जोड़ें : मुख्यमंत्री
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्कूली बच्चों के ड्रेस निर्माण के साथ स्वेटर बुनाई से भी महिला स्वयं समूहों को जोड़ने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 97,663 स्वयं सहायता समूहों और उनके संगठनों को 445 करोड़ 92 लाख की पूंजीकरण धनराशि के ऑनलाइन हस्तांतरण के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वेटर बुनाई के लिए महिला स्वयं सेवी समूह को ट्रेनिंग देकर अगर साल भर पहले उनको आर्डर दिया जाए, तो उनको बहुत बड़ा कार्य मिल सकता है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों को रेडिमेड गारमेंट्स बनाने, बाजार से रॉ मटैरियल उपलब्ध कराने और मार्केटिंग से भी जोड़ने के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि, "स्कूली बच्चों के ड्रेस निर्माण में प्रदेश में बहुत सारे जिलों ने अच्छा काम किया है। खासतौर पर प्रयागराज में 17 हजार ड्रेस एक महिला स्वयं सेवी समूह ने तैयार किया है। प्रदेश में 1 लाख 58 हजार से अधिक बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल हैं। एक करोड़ 80 लाख से अधिक यानि दिल्ली की जितनी आबादी है, उतना हमारे यहां बेसिक शिक्षा परिषद में बच्चे पढ़ते हैं। इतने बच्चों के लिए दो-दो यूनिफार्म बनवाने के साथ प्रदेश सरकार एक करोड़ 80 लाख बच्चों को स्वेटर भी दे रही हैं।"

उन्होंने कहा कि, "प्रदेश में पहले चरण में दो सौ से अधिक विकास खंडों में बाल विकास एवं पुष्टाहार द्वारा दी जाने वाली पोषाहार की व्यवस्था महिला स्वयं सेवी समूहों को दी गई हैं। अब प्रदेश के सभी 821 विकास खंडों में महिला स्वयं सेवी समूहों के माध्यम से इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। इसकी सफलता देश के लिए एक मानक होगी। अगर समय से कुपोषित महिलाओं, बच्चों को उनका पोषाहार उपलब्ध हो जाए और वह उसका सेवन करने लगें तो इसका सामुदायिक स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। इससे प्रदेश में मातृ और शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में बहुत मदद मिलेगी।"

योगी ने महिला स्वयं सहायता समूहों को कई उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि, "गौ आधारित खेती के लिए भी हम कार्यक्रम बना सकते हैं। महिला स्वयं सेवी समूह का एफपीओ के साथ भी गठन किया जा सकता है। इस बार दीपावली के अवसर पर गाय के गोबर से लोगों ने दीपक बनाए। बहुत जगहों पर महिला स्वयं सेवी समूह ने मिट्टी के दीपक बनाए। दीपावली में अच्छी बिक्री हुई। अगर गांव-गांव में और नगर-नगर में इस प्रकार का कार्य होने लग जाए, तो दीपावली के अवसर पर झालर, दीपक या गौरी-गणेश की प्रतिमा लेने के लिए चीन पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जाएगी।"

उन्होंने कहा कि, "महिला सशक्तिकरण के लिए ग्रामीण क्षेत्र में स्वावलंबन का जो कार्यक्रम हो सकता है, उसमें महिला स्वयं सहायता समूह की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। बुंदेलखंड में बलैनी मिल्क प्रोड्यूसर ने एक साल में 46 करोड़ का बिजनेस किया और दो करोड़ 26 लाख का मुनाफा कमाया है। यह किसी भी महिला समूह के लिए नजीर है। ऐसी संभावना हर जगह है।"

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महिला स्वयं सेवी समूह को मनरेगा से जोड़ने के लिए उनके साथ संवाद बनाकर उन्हें कार्य देने के लिए प्रेरित करें।

इस दौरान यूपीएसआरएलएम और आईसीआईसीआई फाउंडेशन के बीच एमओयू का भी आदान प्रदान हुआ। आईसीआईसीआई फाउंडेशन की ओर से गोरखपुर, वाराणसी, देवरिया, प्रयागराज, बाराबंकी और लखनऊ जिले के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 23 हजार महिलाओं को पांच साल के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें बकरी पालन, सब्जी उत्पादन और फूलों की खेती में फाउंडेशन तकनीकी सहयोग और प्रशिक्षण देगा।"


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