कांग्रेस पार्टी कायकर्ताओं के बीच भड़की असंतोष की चिंगारी को बुझायेगी ‘ फायर-फायटिंग ’ टीम
गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के बाद पार्टी कायकर्ताओं के बीच भड़की असंतोष की चिंगारी को शांत करने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रमुख नेताओं की ‘फायर-फायटिंग’ टीम यहां भेज सकती है

अहमदाबाद। गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट वितरण के बाद पार्टी कायकर्ताओं के बीच भड़की असंतोष की चिंगारी को शांत करने के लिए कांग्रेस आलाकमान प्रमुख नेताओं की ‘फायर-फायटिंग’ टीम यहां भेज सकती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति(एआईसीसी) के पदाधिकारियों का एक दल शीघ्र ही राज्य का दौरा करेगा। यह दल पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही उन दावेदारों से चर्चा करेगा जो इस बार टिकट से वंचित हो गये हैं।
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा , “ हमारे तमाम कार्यकर्ता महत्वपूर्ण हैं और यह सभी का मुद्दा है।”
कांग्रेस में टिकट वितरण के परिप्रेक्ष्य में कलह तभी शुरू हो गयी थी, जब कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। सूरत क्षेत्र में इसके बाद ही पार्टी में विद्रोह फैलता गया और अपनी पकड़ रखने वाले तीन स्थानीय नेताओं ने पार्टी छोड़ दी। कांगेस के दो पार्षदों धनसुख राजपूत एवं ज्योति सोजित्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और सैंकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने चुनाव प्रचार के काम से खुद को अलग कर लिया।
पार्टी नेतृत्व से नाखुश प्रदेश कांग्रेस सचिव फिरोज मलिक का कहना है कि चुनाव में समुचित संख्या में मुस्लिम उम्मीदवार खड़े करने संबंधी आश्वासन को भी पूरा करने में पार्टी विफल रही है।
वस्तु एव सेवा कर(जीएसटी) को लेकर सूरत क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के खिलाफ व्यापारियों के आक्रोश का कांग्रेस को अच्छा प्रतिसाद मिलने की उम्मीद थी , लेकिन टिकट वितरण के बाद फैली असंतोष की चिंगारी इन उम्मीदों पर पानी फेर सकती है।
राजपूत ने आरोप लगाया कि यहां निवासरत उत्तर भारत क्षेत्र के लोगों और प्रवासी मजदूरों को जोड़े रखने में भी कांग्रेस विफल रही है। उन्होंने कहा , “ कांग्रेस ने उत्तर भारतीय लोगों में से किसी को भी टिकट नहीं दिया, जबकि राज्य में हमारे 15 लाख से भी प्रवासी मजदूरों का बल है।”


