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वाराणसी में लल्लू की रिहाई के लिए कांग्रेसियों का धरना

पूर्व विधायक अजय राय ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए केंद्र एवं राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकारों पर लोकतंत्र और जनता के हितों में आवाज उठाने वालों को गलत तरीके परेशान करने आरोप लगाया है

वाराणसी में लल्लू की रिहाई के लिए कांग्रेसियों का धरना
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वाराणसी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की रिहायी की मांग को लेकर शनिवार को वाराणसी में बिना अनुमति मौन धरना दे रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक अजय राय समेत 35 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तीखी नोंकझोंक के बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया। सभी आंदोलनकारी बाद में निजी मुचलके पर रिहा कर दिये गये।

श्री राय ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए केंद्र एवं राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकारों पर लोकतंत्र और जनता के हितों में आवाज उठाने वालों को गलत तरीके परेशान करने आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता अपने प्रदेश अध्यक्ष की रिहायी होने तक उचित माध्यमों से विरोध व्यक्त करने का सिलसिला जरी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि टाउन हाल मैदान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष सोशल डिस्टेंसिंग समेत केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा जारी सभी एहतियाती उपायों का पालन करते हुए कांग्रेस कार्यकर्ता मौन धरने पर बैठे थे, लेकिन पुलिस ने सत्ताधरी नेताओं के इशारे धक्का-मुक्की की तथा बाद में गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि धरने के संबंध में पार्टी की ओर से लिखित तौर पर जिला प्रशासन को आवेदन दिया गया था।

श्री राय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनटाइज करने की अनिवार्यता की अनेदेखी कर एक की गाड़ी में 35 से अधिक आंदोलकारियों को पुलिस लाइन तक ले गई, जहां बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी गईं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की गलत नीतियों से परेशान राज्य जनता की सेवा करने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री लल्लू को मई में गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दिया गया था। उनकी रिहायी के लिए पार्टी कार्यकर्ता जनता की सेवा से लेकर अन्य लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी आवाज बुलंद करने का सिलसिला जारी रखेंगे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जिले में लागू धारा 144 में बिना अनुमति धरने पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बार-बार कहने के बाद भी जब उठने से मना कर दिया था, उसके बाद पुलिस को कानून व्यवस्था के मद्देनजर उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा। बाद में सभी नेताओं को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया है।


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