कांग्रेस ने शिक्षा में आप सरकार को बताया फेल
दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के दावों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने खुलासा किया है कि सरकारी स्कूलों से बच्चे कम हो रहे हैं और निजी स्कूलों में 1.42 लाख दाखिले बढ़े हैं

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के दावों को खारिज करते हुए कांग्रेस ने खुलासा किया है कि सरकारी स्कूलों से बच्चे कम हो रहे हैं और निजी स्कूलों में 1.42 लाख दाखिले बढ़े हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद सरकारी स्कूलों में 5695 कमरे बने हैं तो दो लाख बच्चे बढऩे चाहिए थे लेकिन उल्टा पिछले तीन वर्षों सरकारी स्कूलों से बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या में 42296 की कमी हुई है। वहीं पास होने वाले 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों की संख्या में 38489 की कमी आई है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने राज्य सरकार के दावों का भंडाफोड़ करते हुए सवाल किया कि यदि आप सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया होता तो सरकारी स्कूलों में पास हुए विद्यार्थियों के प्रतिशत तथा दाखिलों के प्रतिशत में लगातार गिरावट क्यों आती। उन्होंने बताया कि कांग्रेस राज में दिल्ली सरकार के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई थी और अब दिल्ली के इतिहास में पहली बार हुआ है कि पिछले 2 वर्षों में तकरीबन एक लाख विद्यार्थी दिल्ली सरकार के स्कूलों को छोड़ गए। इसी प्रकार दिल्ली में सीनियर सैकेन्डरी स्कूलों की बढ़ोतरी में 0.60 प्रतिशत की रिकार्ड कमी दर्ज की गई है। जबकि दिल्ली की जनसंख्या में औसतन 2.42 प्रतिशत की वृद्धि प्रतिवर्ष हो रही है।
श्री माकन ने आंकड़े देते हुए कहा कि जहां वर्ष 2013-2014 में दिल्ली सरकार के स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 17.75 लाख थी वहीं यह संख्या 2014-2015 में घटकर 17.04 लाख रह गई और 2015-16 में यह संख्या घटकर केवल 16.77 लाख रह गई। जबकि जब आप पार्टी ने दिल्ली की सत्ता संभाली थी उस समय 2013-2014 में प्राईवेट स्कूलों में 26.11 लाख बच्चे थे जो 2014-15 में बढ़कर 27.09 लाख हो गए व 2015-16 में 27.53 लाख तक पहुंच गए। बारहवीं में छात्रों की संख्या तो बढ़ रही है लेकिन पास होने वाले छात्र कम हुए हैं। शिक्षा पर बजट में रिकार्ड बढ़ोतरी पर उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि बजट में से कितना खर्च किया है या कितना पैसा खर्च नही हुआ।
उन्होंने दावा किया कि पिछले दो वर्ष में शिक्षा के बजट में से 1982 करोड़ रुपया लैप्स हुआ है और पिछले 2 वित्त वर्षों में शिक्षा में बजट एलोकेशन में 13.55 प्रतिशत तथा 11.5 प्रतिशत बिन खर्च के गया है। जबकि यह कांग्रेस की दिल्ली सरकार के कार्यकाल में बिलकुल उलट था व 2008-09 में बजट से 463 करोड़ और 2010 में 231 करोड़ अधिक खर्च किया। बिना शिक्षकों को तैयार किए बिना पीटीएम व बच्चों के सेक्शन, कमजोर, होशियार के तर्ज पर बांटने से भी समस्याएं आ रही हैं जिस पर सरकार चुप है।


