महंगाई को लेकर कांग्रेस का 4 मार्च को प्रदर्शन : माकन
दिल्ली की ज्वलंत समस्याओं पर मंथन करने के बाद प्रदेश कांग्रेस समिति ने चार मार्च को राजधानी भर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है

नई दिल्ली। दिल्ली की ज्वलंत समस्याओं पर मंथन करने के बाद प्रदेश कांग्रेस समिति ने चार मार्च को राजधानी भर में प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि प्रमुख स्थानीय नेताओं की आज प्रदेश कार्यालय में बैठक हुई जिसमें बढती मंहगाई, बेरोजगारी, सीलिंग तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को लेकर चर्चा हुई।
बैठक में 4 मार्च को 280 ब्लाॅक कांग्रेस समितियां इन चारों मुद्दों को लेकर प्रदर्शन करेंगी और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और आम आदमी पार्टी(आप) के पुतले फूंके जायेंगे।
बैठक में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और पार्टी के दिल्ली प्रभारी पी सी चाको भी मौजूद थे। श्री माकन ने बताया कि चार मार्च को किए जाने वाले प्रदर्शन की रुपरेखा 21 फरवरी को तैयार की जायेगी ।
महंगाई का जिक्र करते हुए श्री माकन ने संवाददाताओं से कहा कि रोजाना के इस्तेमाल की आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं और केन्द्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। महंगाई के लिए केन्द्र और दिल्ली दोनों ही सरकारें बराबर की जिम्मेदार हैं।
दिल्ली सरकार जमाखोरी रोकने में पूरी तरह असफल रही है और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है। दुकानों और उद्योगों पर सीलिंग की तलवार फिर से लटकी हुई है। जर्जर सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लोगों परेशान हैं।
बैठक में दिल्ली में कांग्रेस को फिर से मजबूत बनाने के लिए श्री माकन के प्रयासों की सराहना करते हुए हर माह की 15 तारीख को प्रदेश कार्यालय में बैठक करने का निर्णय लिया गया। हर माह होने वाली बैठक में दिल्ली के ज्वलंत मुद्दों तथा उनके समाधान के लिए कार्यक्रम बनाये जायेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि विश्व बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी कमी के बावजूद घरेलू बाजार में इनके दाम लगातार बढाये जा रहे हैं। केन्द्र सरकार ने 11 बार दोनों ईंधनों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाया। दिल्ली सरकार ने भी तीन बार दाम बढ़ाये।
मेट्रो रेल के किराये में बढोतरी के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया दिखावा करते रहे जबकि वास्तविकता यह है कि मेट्रो किराया निर्धारण समिति में मुख्य सचिव भी शामिल थे।
केजरीवाल सरकार ने एक साल में दो बार मेट्रो रेल का किराया बढ़ाया जबकि कांग्रेस के 15 वर्ष के कार्यकाल में केवल दो बार मेट्रो किराया बढ़ा था।


