मुख्यमंत्री राहत कोष में सीएसआर के रूप में दान की अनुमति न देने पर कांग्रेस का केंद्र पर निशाना
मुख्यमंत्री राहत कोष में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) खर्च के रूप में चंदा लेने की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला

नयी दिल्ली । मुख्यमंत्री राहत कोष में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) खर्च के रूप में चंदा लेने की अनुमति नहीं देने पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "हैशटैग कोविड से लड़ने के लिए सीएसआर खर्च से राज्य राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान को अनुमति नहीं देना मोदी सरकार द्वारा लिया गया गलत फैसला है।"
उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से एकजुट होकर लड़ना है, न कि अलग-अलग।
सुरजेवाला ने कहा, "प्रधानमंत्री केयर्स फंड और मुख्यमंत्री राहत कोष के बीच लड़ाई की जरूरत नहीं है!"
.#Covid_19india is to be fought unitedly & not in separate silos
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 12, 2020
Don’t need battle of PM CARES V/S CM Relief Funds!
To disqualify contributions to State Relief Funds & CM Relief Funds to Fight #COVID from CSR expenditure is a huge disservice by Modi Govthttps://t.co/5IWRvSJa85
शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ हुई मुख्यमंत्रियों की बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मांग की थी कि कॉर्पोरेट्स को उनके सीएसआर खाते से मुख्यमंत्री के आपातकालीन राहत कोष में दान करने को लेकर वैसी ही सुविधाएं दी जाएं जैसी प्रधानमंत्री केयर्स फंड में योगदान देने पर मिल रही हैं।
राज्य सचिवालय नबना में बनर्जी ने मीडियाकर्मियों से कहा, "हमने कॉरपोरेट्स को अपने सीएसआर खाते से पीएम-केयर्स फंड के लिए पैसा खर्च करने की अनुमति देने की वर्तमान प्रणाली पर आपत्ति जताई है। क्योंकि मुख्यमंत्री के आपातकालीन राहत कोष के लिए ऐसी सुविधा प्रदान नहीं की गई है। मैंने इसे संघीय ढाचे को ध्वस्त करना कहा है।"
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने केयर्स फंड के पहलुओं को स्पष्ट किया है।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार, राज्य आपदा प्रबंधन समिति में किए गए योगदान को सीएसआर माना जाएगा।
वहीं सीएम राहत कोष में किए गए योगदान को सीएसआर के रूप में नहीं माना जाएगा। 2013 के कंपनी अधिनियम के तहत फायदा कमा रहीं कंपनियों को औसत तीन साल के लाभ का दो प्रतिशत सीएसआर में खर्च करना आवश्यक है।


