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भूमि घोटाले के आरोपों पर कांग्रेस ने बीजेपी पर कसा तंज, ''क्या यह 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा' मॉडल है''

कांग्रेस ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पत्नी की कंपनी को सरकार से 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली है और पूछा कि क्या यह भाजपा का 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा मॉडल' है।

भूमि घोटाले के आरोपों पर कांग्रेस ने बीजेपी पर कसा तंज, क्या यह न खाऊंगा, न खाने दूंगा मॉडल है
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नई दिल्ली । कांग्रेस ने बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पत्नी की कंपनी को सरकार से 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली है और पूछा कि क्या यह भाजपा का 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा मॉडल' है।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ''वॉट एन आइडिया सर जी, कृषि भूमि खरीदें, इसे औद्योगिक भूमि में परिवर्तित करें और केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त करें।"

उन्होंने कहा कि उक्त योजना केवल भाजपा मुख्यमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए उपलब्ध है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड पूरे उत्तर-पूर्व क्षेत्र को जोड़ने वाला प्रमुख क्षेत्रीय मीडिया हाउस है।

उन्होंने आरोप लगाया, ''असम के मुख्यमंत्री की पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा इस कंपनी की सीएमडी हैं और कंपनी को पीएम किसान संपदा योजना के तहत मोदी सरकार से 10 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है।''

उन्होंने कहा कि इस कंपनी ने कृषि भूमि खरीदी और कुछ ही समय में उस भूमि को औद्योगिक भूमि में बदल दिया और किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त की।

उन्होंने कहा, ''रिपोर्ट और सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार, रिनिकी भुइयां सरमा ने असम के नागांव जिले के दारिगाजी गांव में 50 बीघा कृषि भूमि खरीदी थी। भूमि को कृषि भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

लेकिन, बहुत ही कम समय में यह भूमि औद्योगिक भूमि में परिवर्तित हो गयी। औद्योगिक भूमि के रूप में अपने नए वर्गीकरण के बाद, प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड ने भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय में सरकारी अनुदान के लिए आवेदन किया और 10 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया।''

वल्लभ ने कहा, ''हमारे पास मोदी सरकार से चार सवाल और मांगें हैं क्या किसानों की आय दोगुनी करने का यही मॉडल है? जहां किसानों के लिए समर्पित एक योजना के लिए आवंटित धन को असम के मुख्यमंत्री की पत्नी से जुड़ी कंपनी को अनुदान के रूप में वितरित किया गया था? एक तरफ किसानों ने 2018-19 में खेती से प्रतिदिन 27 रुपये कमाए और दूसरी तरफ किसानों के लिए मूल रूप से आवंटित 10 करोड़ रुपये सरमा की पत्नी से जुड़ी एक मीडिया कंपनी को अनुदान के रूप में दिए गए, क्यों?''

भ्रष्टाचार के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीरो टॉलरेंस रुख की सराहना करते हुए वल्लभ ने पूछा, ''क्या यह 'ना खाऊंगा न खाने दूंगा' मॉडल है? क्या इस तरह की योजना हमारे देश के करोड़ों बेरोजगार युवाओं के लिए उपलब्ध है?''

कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी तब आई जब पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने एक पोस्ट में कहा, ''भारत के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए पीएम मोदी ने किसान संपदा योजना की शुरुआत की। लेकिन, असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके अपनी पत्नी की फर्म को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी के हिस्से के रूप में 10 करोड़ रुपये दिलाने में मदद की।''

उन्होंने पूछा, ''क्या केंद्र सरकार की योजनाएं भाजपा को समृद्ध करने के लिए हैं?''

इस बीच, असम के मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी रिनिकी भुइयां शर्मा के खिलाफ भूमि घोटाले के आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्हें जमीन खरीदने के लिए केंद्र सरकार से कोई सब्सिडी नहीं मिली है।


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