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विश्व बैंक द्वारा शौचालय के उपयोग में गिरावट संबंधी रिपोर्ट वापस लेने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर कसा तंज

कांग्रेस ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि विश्व बैंक को वह रिपोर्ट वापस लेनी पड़ी जिसमें 2018 और 2021 के बीच ग्रामीण भारत में शौचालयों के उपयोग में गिरावट को दर्शाया गया था

विश्व बैंक द्वारा शौचालय के उपयोग में गिरावट संबंधी रिपोर्ट वापस लेने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर कसा तंज
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने शुक्रवार को स्वच्छ भारत मिशन की सफलता पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि विश्व बैंक को वह रिपोर्ट वापस लेनी पड़ी जिसमें 2018 और 2021 के बीच ग्रामीण भारत में शौचालयों के उपयोग में गिरावट को दर्शाया गया था।

कांग्रेस ने सरकार से कहा कि आंकड़ों को दबाने और खुले में शौच पर जीत की घोषणा करने की बजाय बजट में कटौती को वापस लेने तथा देश में शौचालय के उपयोग और स्वच्छता का एक खुला तथा पारदर्शी ऑडिट किया जाए।

कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सितंबर 2011 में शुरू किए गए निर्मल भारत अभियान की रीपैकेजिंग कर स्वच्छ भारत मिशन के रूप में पुनः ब्रांड किया गया। निर्मल भारत अभियान में प्रत्येक ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्यक्रम शुरू किए गए थे। इसने ट्रेनों में जैव शौचालयों के उपयोग को लोकप्रिय बनाना शुरू कर दिया था। विद्या बालन जैसे स्वच्छता दूत को जोड़ा गया था। नए नारों को लोकप्रिय बनाया गया और स्वतंत्र एजेंसियों द्वारा समवर्ती मूल्यांकन को प्रोत्साहित किया गया।

कांग्रेस नेता ने कहा कि अब, विश्व बैंक की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इतने प्रचार के बाद शुरू किया गया स्वच्छ भारत मिशन निरंतर नहीं रह सका है।

उन्होंने कहा, “भारत में 2018 से शौचालयों के उपयोग में गिरावट आ रही है। यह गिरावट एससी और एसटी समुदायों के बीच सबसे अधिक केंद्रित है। शुरुआती धूमधाम के बाद, प्रधानमंत्री अन्य योजनाओं, सुर्खियों और आयोजनों में व्यस्त हो गए हैं। स्वच्छता के लिए कर्मचारी कम कर दिए गए हैं और भुगतान में देरी हो रही है। दरअसल, भारत को खुले में शौच से मुक्त कराने के बड़े-बड़े दावों से कोसों दूर 25 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार अभी भी नियमित रूप से शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं।''

एक खबर का हवाला देते हुए, जिसमें इस रिपोर्ट पर प्रकाश डाला गया था, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा: "अपेक्षित रूप से, एक समाचार रिपोर्ट में कहा गया था कि विश्व बैंक को मोदी सरकार से 'बहुत नाराजगी' का सामना करना पड़ा, और इस रिपोर्ट को वापस लेना पड़ा।"

“आंकड़ों को दबाने और खुले में शौच पर जीत की घोषणा करने की बजाय, बजट में कटौती को वापस लेने के साथ-साथ भारत में शौचालय के उपयोग और स्वच्छता का एक खुला और पारदर्शी ऑडिट करने की आवश्यकता है। यह ऐसे समय में और भी महत्वपूर्ण है जब भारत 2014 के बाद से कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों पर पिछड़ रहा है, खासकर एनीमिया और बाल कुपोषण में तेज वृद्धि के साथ।"

कांग्रेस नेता ने अपने दावों के समर्थन में एक समाचार रिपोर्ट भी संलग्न की।

भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), निर्मल भारत अभियान सहित कई अन्य योजनाओं के नाम बदलने को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार की आलोचना कर रही है। वह कई लोकप्रिय योजनाओं का बजट कम करने के लिए भी केंद्र की आलोचना करती रही है।


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