Top
Begin typing your search above and press return to search.

कांग्रेस-सपा गठबंधन ने जगाई उत्तर प्रदेश में विपक्ष की उम्मीद

भगवा खेमा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के राज्य से गुजरने के साथ इस गठबंधन के संभावित प्रभावों से पूरी तरह वाकिफ था

कांग्रेस-सपा गठबंधन ने जगाई उत्तर प्रदेश में विपक्ष की उम्मीद
X

- प्रदीप कपूर

भगवा खेमा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के राज्य से गुजरने के साथ इस गठबंधन के संभावित प्रभावों से पूरी तरह वाकिफ था। सीट बंटवारे पर सहमति के बाद सपा नेता अखिलेश यादव की भागीदारी यात्रा को नई गति दे रही है। राहुल गांधी को उनकी यात्रा को अभी से ही जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ता उत्साहित हैं क्योंकि पहली बार जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को यह विश्वास हो रहा है कि सीटों के बंटवारे पर सहमति बनने के बाद राज्य में भाजपा को हराया जा सकता है। दूसरी ओर, भाजपा के राज्य नेता घबड़ाये हुए हैं, हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जनता को विश्वास दिलाया कि उन्हें राज्य की कुुल 80सीटों में से 65 सीटें मिलेंगी।

लेकिन भगवा खेमा राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के राज्य से गुजरने के साथ इस गठबंधन के संभावित प्रभावों से पूरी तरह वाकिफ था। सीट बंटवारे पर सहमति के बाद सपा नेता अखिलेश यादव की भागीदारी यात्रा को नई गति दे रही है। राहुल गांधी को उनकी यात्रा को अभी से ही जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। अखिलेश और अन्य सपा नेताओं के शामिल होने के बाद यह और व्यापक होगा।

दरअसल राहुल गांधी की चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा को बड़े समर्थन ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को राज्य की महत्वपूर्ण 80सीटों के लिए लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे में तेजी लाने के लिए मजबूर किया। जिस तरह से लखनऊ और अन्य स्थानों पर भारत जोड़ो न्याय यात्रा में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय ने भाग लिया, उसने समाजवादी पार्टी नेतृत्व को लोगों के मूड को समझने के लिए मजबूर कर दिया।

दूसरी ओर, कांग्रेस नेतृत्व को भी इस बात का अहसास था कि सीट बंटवारे के बाद ही अखिलेश यादव यात्रा में शामिल होंगे, इसलिए उन्होंने भी सीट बंटवारे में तेजी ला दी। शुरुआत में कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 20 सीटें चाहती थी लेकिन बाद में 17सीटों पर समझौता कर लिया और मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक सीट देने पर राजी हो गई। कांग्रेस को प्रतिष्ठित वाराणसी सीट मिली जहां उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दो बार चुनाव लड़ा था। शुरुआत में समाजवादी पार्टी ने वाराणसी को अपनी सूची में शामिल किया था, परन्तु बातचीत के बाद उसने यह सीट कांग्रेस के लिए छोड़ दी।

अल्पसंख्यक समुदाय के वोटों में विभाजन को रोकने के लिए समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं पर हाथ मिलाने के लिए शक्तिशाली मुस्लिम समुदाय का जबरदस्त दबाव था। पिछले विधानसभा चुनावों के दौरान अधिकांश मुस्लिम वोट समाजवादी पार्टी को मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनावों के मद्देनजर राहुल गांधी के आक्रामक रवैये के कारण मूड कांग्रेस की ओर हो गया, जो लगातार भाजपा पर हमला कर रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के पास अब चुनाव लड़ने के लिए 63 सीटें हैं और पार्टी छोटे दलों और जाति आधारित समूहों के साथ इस सीटों को साझा कर सकती है। समाजवादी पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित समुदाय में प्रभाव रखने वाले चंद्र शेखर रावण की भीम आर्मी, शक्तिशाली राजपूत नेता और पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह की जनसत्ता दल, जिसे राजा भैया के नाम से भी जाना जाता है, महान दल और अन्य के साथ बातचीत करेगी।

गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने 62, बहुजन समाज पार्टी ने 10, समाजवादी पार्टी ने पांच, अपना दल ने दो और कांग्रेस ने एक सीट जीती थी। हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन में थी लेकिन वह अखिलेश यादव को सत्ता बरकरार रखने में मदद नहीं कर सकी। 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में 300 से अधिक सीटों के साथ पार्टी सत्ता में आई और योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने सभी को चौंका दिया।

2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी बसपा के साथ गठबंधन में थी। जबकि समाजवादी पार्टी 2014 में जीती गई केवल पांच सीटें ही बरकरार रख सकी और बसपा ने सीटों की संख्या शून्य से बढ़ाकर 10 कर दी। चुनाव के बाद, बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बसपा उम्मीदवारों को वोट स्थानांतरित करने में विफलता के लिए समाजवादी पार्टी पर दोष मढ़ते हुए गठबंधन को भंग कर दिया।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या प्रियंका गांधी अपनी मां श्रीमती सोनिया गांधी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ती हैं या नहीं, जो अब राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुनी गई हैं। हालांकि यूपीसीसी अध्यक्ष अजय राय ने दावा किया कि राहुल गांधी अपनी पारिवारिक सीट अमेठी में वापस आयेंगे, लेकिन गांधी परिवार की ओर से ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it