छत्तीसगढ़ विधानसभा में कांग्रेस का हंगामा, कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित व कथित मंत्री सेक्स सीडी कांड के संदिग्ध रिंकू खनूजा की मौत पर जांच की मांग करते हुए विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग की

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित व कथित मंत्री सेक्स सीडी कांड के संदिग्ध रिंकू खनूजा की मौत पर जांच की मांग करते हुए विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा की मांग की।
विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने स्थगन प्रस्ताव खारिज कर दिया। इससे नाराज विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष ने खनूजा की मौत को राजनैतिक साजिश बताया। इस दौरान समस्त विपक्षी सदस्य सदन के मध्य पहुंच गए, जिसके कारण अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया।
कुछ देर बाद अध्यक्ष ने निलंबन वापस लिया और सभी सदस्यों को सदन में वापस बुलाया। वापस आने के बाद सदस्यों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधायक भूपेश बघेल ने सदन में कहा, "रिंकू खनूजा की पत्नी ने एसपी को पत्र लिखा है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या है। इस आत्महत्या मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस की भूमिका बेहद संदिग्ध है।"
कवासी लखमा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आम आदमी सुरक्षित नहीं है।
सरकार की तरफ से प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा, "सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली संस्था है। सीबीआई जिस मामले की जांच कर रही है, उसकी चर्चा सदन में नहीं कराई जा सकती। जो मामला विधानसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं है, उस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती।"
भूपेश बघेल और टी. एस. सिंहदेव ने कहा, "रिंकू खनूजा की मौत मामले की जांच पुलिस कर रही है। रिंकू की मौत सीबीआई पूछताछ के दौरान हुई है। राजधानी में इस तरह से मौत हो रही है। अब तक इस मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पेश नहीं की गई। प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। यह बेहद गंभीर मामला है।"


