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कांग्रेस ने जीएसटी का पुतला जलाकर किया विरोध प्रदर्शन

 वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए एक वर्ष पूरा होने पर रविवार को कांग्रेस ने जीएसटी का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया

कांग्रेस ने जीएसटी का पुतला जलाकर किया विरोध प्रदर्शन
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अमृतसर। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए एक वर्ष पूरा होने पर रविवार को कांग्रेस ने जीएसटी का पुतला जलाकर विरोध प्रदर्शन किया।

पंजाब प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता एवं विधायक डॉक्टर राजकुमार वेरका ने कहा कि जीएसटी का दूसरा नाम बर्बादी है। जीएसटी लागू हुए आज एक वर्ष पूरा हो गया। पिछले वर्ष एक जुलाई 2017 को इसे लागू किया गया था। जीएसटी के लागू होने के एक साल बाद भी लाखों व्यापारियों, कारोबारियों और दुकानदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। अभी भी यह टैक्स सरल नहीं बन पाया है। जीएसटी में बहुत से नियम, रिटर्न और टैक्स स्लैब का सामना करने से व्यापारियों का जीवन मुश्किलों भरा और दुखमय हो गया है।

व्यापारियों की मानें तो पहले टैक्स की गणना करना आसान था। जीएसटी लागू होने पर कई महीने तो टैक्स का गणित समझने में लग गए। ई-वे बिल के झंझट ने परेशानी और बढ़ा दी। जीएसटी से ब्रांडेड कंपनियों के दिन तो बहुर गए पर छोटे उत्पादकों व निर्माताओं की कमर टूट गई। साइकिल जैसे उद्योग तो बंदी के कगार पर पहुंच गए हैं। ऐसे में व्यापारियों के पास धंधा बदलने के अतिरिक्त दूसरा चारा नहीं बचा है। वर्ष 2008 से 2010 के बीच कांग्रेस सरकार ने जो जीएसटी सोचा था वो वास्तविक जीएसटी होता।

श्री वेरका ने कहा कि अपनी व्यक्तिगत महत्वकांक्षा को पूरा करने के लिए आधी रात को 12 बजे सरकार ने जीएसटी पास तो करवा दिया, लेकिन जनता की परेशानी दूर होने का नाम नहीं ले रही है। अगर चार से छह महीने इससे जुड़े हित धारकों से विचार विमर्श करके लोगों की परेशानियों को समझते तो इस प्लेटफार्म को और सुदृढ़ कर सकते थे। छोटे दुकानदार आज तक जीएसटी रिटर्न को ऑनलाइन फाइल नहीं कर पा रहे हैं। जीएसटी में छह से अधिक दरें हैं वह ‘वन नेशन वन टैक्स’ कैसे हो सकता है।


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