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कांग्रेस, अन्य दलों ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का किया विरोध 

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बांटने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया

कांग्रेस, अन्य दलों ने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने का किया विरोध 
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में बांटने के सरकार के कदम का कड़ा विरोध किया है।

गृहमंत्री अमित शाह द्वारा प्रस्तावित विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार देश को टुकड़े-टुकड़े करना चाहती है।

उन्होंने बताया कि जम्मू एवं कश्मीर के लोग केंद्र सरकार के साथ नहीं हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने धर्मनिरपेक्ष भारत के साथ रहना पसंद किया है, लेकिन भाजपा सरकार ने देश को बांटा है।

आजाद ने कहा कि इस प्रस्तावित संकल्प से देश में राज्यों की संख्या 29 से घट कर 28 रह जाएगी।

उन्होंने शाह से कहा, "हमने प्रधानमंत्री के बाद मुख्यमंत्री को देखा और अब वहां उपराज्यपाल होगा। आपने राज्यपाल को लिपिक बना दिया। आपने जम्मू एवं कश्मीर को अस्तित्वहीन बना दिया। ऐसा ही अपने राज्य के साथ कीजिए और देखिए क्या होता है।"

आजाद ने मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, "सत्ता के नशे में मत आइए।"

उधर, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अनुच्छेद 370 को हटाने को लेकर उत्साहित है और विपक्ष से पूरा समर्थन मिलने की उम्मीद कर रही है। हालांकि आगे की डगर आसान नहीं होगी, क्योंकि जम्मू एवं कश्मीर को जिस प्रकार दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटा गया है, उस पर कई विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है।

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि यह काला सोमवार है और संविधान का मजाक उड़ाया गया है। उन्होंने अन्य विपक्षी दलों से जम्मू एवं कश्मीर के संबंध में सरकार के संकल्प और विधेयकों का विरोध करने की अपील की।

समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य राम गोपाल यादव ने भी जम्मू एवं कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के सरकार के कदम का विरोध किया।

हालांकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा), आम आदमी पार्टी (आप), अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और बीजू जनता दल (बीजद) जैसे कई अन्य दलों ने सरकार का समर्थन किया।


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