पूर्वोत्तर में असम राइफल्स को अतिरिक्त अधिकार का कांग्रेस ने किया विरोध
विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा असम राइफल्स को अतिरिक्त अधिकार प्रदान किए जाने पर शुक्रवार को असम विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया

गुवाहाटी। विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र सरकार द्वारा असम राइफल्स को अतिरिक्त अधिकार प्रदान किए जाने पर शुक्रवार को असम विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव लाया, लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने प्रक्रियात्मक आधार पर जब इसकी अनुमति नहीं दी तो पार्टी ने सदन से वॉकआउट किया। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने बाद में इसकी निंदा करते हुए केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया।
केंद्र सरकार की अधिसूचना में सुरक्षा बल को असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में बिना वारंट के लोगों को गिरफ्तार करने और परिसरों की तलाशी लेने का अधिकार प्रदान किया है।
कांग्रेस नेता ने विशेष रूप से पूर्वोत्तर में इस कदम को अघोषित आपातकाल करार दिया है।
उन्होंने कहा, "अधिघोषणा से भारत के संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदत्त स्वतंत्रता के अधिकार का हनन होता है और इस प्रकार यह लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में पूर्वोत्तर के राज्यों से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) वापस लेने का वादा किया था।"
सैकिया ने कहा, "इससे पहले भी इंफाल में चुनाव से पहले की रैली के दौरान मोदी ने वादा किया था कि अगर केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी तो विवादित अफस्पा वापस लिया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने अफस्पा को लेकर अपने वादे निभाने के बदले असम राइफल्स को मनमाने ढंग से विशेषाधिकार प्रदान करके अलोकतांत्रिक चालें चली हैं जिससे उनके खुद के दुरंगापन की पोल खुल गई है।


