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मप्र उप चुनाव में कांग्रेस की सियासी चौसर पर जाति की चाल

मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का सारा दारोमदार नई टीम पर रहने वाला है।

मप्र उप चुनाव में कांग्रेस की सियासी चौसर पर जाति की चाल
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भोपाल | मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा के उप-चुनाव में कांग्रेस का सारा दारोमदार नई टीम पर रहने वाला है। इस नई टीम में पिछड़े और आरक्षित वर्ग के नेताओं की भरमार है। इस तरह कांग्रेस उप-चुनाव में मतदाताओं को लुभाने ते लिए जाति का सहारा ले रही है।

राज्य में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उप चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस इन उप-चुनाव के जरिए सत्ता में वापसी का सपना संजोए हुए है। यही कारण है कि कग्रेस कई रणनीतियों पर एक साथ काम कर रही है। राज्य के इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में पिछड़ा वर्ग और आरक्षित वर्ग की जनसंख्या को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने इस वर्ग से जुड़े नेताओं को पहली कतार में रखना शुरू कर दिया है।

राज्य में कांग्रेस की ओर से उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ही एकमात्र चेहरा रहने वाले हैं। इसके संकेत भी मिलने लगे हैं। पिछले दिनों उन्होंने ग्वालियर का दौरा किया, जिसमें यह बात नजर भी आई। वहीं दूसरी ओर पिछड़े और आरक्षित वर्ग के जनाधार वाले नेताओं में से पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, सचिन यादव और लाखन सिंह यादव को आगे रखकर चुनावी रणनीति पर काम तेज कर दिया है।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने पिछड़ा और आरक्षित वर्ग की आबादी को ध्यान में रखकर ही अपनी रणनीति बनाई है और उसी के मददेनजर इन नेताओं को आगे किया जा रहा है। इनका अपने-अपने क्षेत्र में जनाधार तो है ही साथ में समाज में गहरी पैठ भी है।

राजनीतिक विश्लेषक रविंद्र व्यास का कहना है कि चुनाव में राजनीतिक दल हर दांव-पेच आजमाते हैं जिसके जरिए उन्हें जीत मिल जाए। अब कांग्रेस अगर जातिगत आधार पर नेताओं को जिम्मेदारी सौंप रही है तो इसमें अचरज नहीं होना चाहिए। कांग्रेस ने भले ही कुछ भी रणनीति बना ली हो मगर वास्तव में क्या यह नेता मतदाताओं को अपने तरीके से लुभाने में कामयाब हो पाएंगे, यह तो बड़ा सवाल रहेगा ही। वहीं दूसरी ओर अभी तक भाजपा ने अपने पत्ते खोले नहीं हैं इसलिए कांग्रेस की इस रणनीति पर हाल-फि लहाल ज्यादा कयास लगाना ठीक नहीं हेागा। हां, इतना जरुर कहा जा सकता है कि उप-चुनाव राज्य की सियासत में एक पटकथा जरुर लिखेंगे।


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