‘भर्ती घोटाले की सीबीआई जांच कराओ’ के नारे लगाते विस पहुंचे कांग्रेस विधायक
उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराडीसैंण स्थित विधान सभा भवन में पांचवीं विधानसभा (विस) के वर्ष 2023-2024 के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे

भराडीसैंण। उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराडीसैंण स्थित विधान सभा भवन में पांचवीं विधानसभा (विस) के वर्ष 2023-2024 के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को विपक्ष कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए कार्यवाही में भाग लेने पहुंचे। यह विधायक भर्ती घोटाले और अंकिता हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहे थे।
सुबह ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही जब शुरू हुई तो सदन में सदस्यों की संख्या निर्धारित से कम होने के कारण विस अध्यक्ष ने पन्द्रह मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद भी सदस्य संख्या पूर्ण न होने पर पुन: पन्द्रह मिनट के अर्थात दो बार कार्यवाही स्थगित करना पड़ा। 11.30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस की अनुपमा रावत के अतारांकित प्रश्न पर चर्चा शुरू हुई तो कांग्रेस के ही प्रीतम सिंह ने नियम 310 के अंतर्गत, कार्य स्थगित करते हुए नौकरी भर्ती मामले की सीबीआई जांच मामले पर चर्चा की मांग की। जिसे पीठ ने नियम 58 में सुनने की अनुमति देते हुए श्रीमती रावत के प्रश्न पर चर्चा जारी रही।
इसके बाद, कुल 25 सदस्यों द्वारा नियम 300 के अंतर्गत, लगाए प्रश्नों में से अरविन्द पाण्डेय, प्रीतम सिंह पंवार, ममता राकेश, मोहन सिंह बिष्ट, प्रमोद नैनवाल, शक्ति लाल शाह, शिव अरोड़ा के याचिकाओं पर चर्चा हुई।
नियम 300 के ही अन्तर्गत, विपक्ष के वरिष्ठ सदस्य प्रीतम सिंह ने कल मंगलवार को कांग्रेस के 14 विधायकों को अभद्र व्यवहार के कारण निलम्बित किए जाने के मुद्दे पर पीठ को जानकारी दी कि उन्होंने जब विनिश्च्य दिया तो उसमें अनेक त्रुटि थी। उन्होंने कहा कि सभी हालात हम संरक्षण जाते थे लेकिन नहीं मिला सभी हालात आपके सामने हैं। उन्होंने रूल बुक का हवाला देते हुए कहा कि नियम 297 में सदन के भीतर शांति व्यवस्था के लिए अध्यक्ष बाहर जाने का निर्देश दे सकते हैं। इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री अथवा अन्य मंत्री इसका प्रस्ताव कर सकते हैं। जबकि कल की घटना में सीधे निलंबन किया गया। उन्होंने इस मामले पर खेद व्यक्त किया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी सदन में कल हुए अपने साथियों के बर्ताव के लिए खेद जताया। इस पर पीठ ने इसे अग्राह्य घोषित किया।
इसके बाद भोजनावकाश के लिए सदन की कार्यवाही 1.45 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।


