कांग्रेस सदस्यों ने गृह मंत्री के जवाब से असन्तुष्ट होकर सदन से किया बहिर्गमन
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेस सदस्यों ने पुलिस में दर्ज मामलों में न्यायालय में चालान पेश करने को लेकर गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के जवाब से असन्तुष्ट होकर नारे लगाए

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज कांग्रेस सदस्यों ने पुलिस में दर्ज मामलों में न्यायालय में चालान पेश करने को लेकर गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के जवाब से असन्तुष्ट होकर नारे लगाए और सदन से बहिर्गमन किया।
प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा सदस्य अवधेश सिंह चंदेल ने बेमेतरा विधानसभा क्षेत्र में दर्ज हुए 205 आपराधिक प्रकरणों में न्यायालय में चालान भेजने की अवधि के बारे में गृह मंत्री रामसेवक पैकरा से जानकारी मांगी।
पैकरा कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है। पुलिस जांच कर चालान पेश करती है। उन्होने चालान पेश करने की अवधि बताने से इंकार किया।
चंदेल ने कहा कि चालान पेश करने में देरी की जायेंगी तो अपराध पर कैसे अंकुश लगेगा। इसी बीच कांग्रेस सदस्य संत कुमार नेताम ने कहा कि उन्होने तीन वर्ष पहले कोण्डागांव में एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी और कार्रवाई के लिए गृह मंत्री से व्यक्तिगत रूप से भी मिला था ,पर तीन वर्ष बाद भी उस पर कोई कार्रवाई अभी तक नही हुई है।उन्होने कहा कि विधायक द्वारा दर्ज करवाई प्राथमिकी पर जब तीन वर्ष में कोई कार्रवाई नही हुई तो आम लोगो के मामलों में पूरे प्रदेश में क्या हाल होगा,समझा जा सकता है।
विधायक नेताम के इस उल्लेख के बाद कांग्रेस सदस्य उत्तेजित हो गए। वरिष्ठ कांग्रेस सदस्य सत्य नारायण शर्मा ने कहा कि 15 में दर्ज प्राथमिकी पर कार्रवाई तब नही हो रही है जबकि सदस्य एवं गृह मंत्री दोनो ही आदिवासी वर्ग से आते है। सभापति शिवरतन शर्मा ने उन्हे टोकते हुए कहा कि आप वरिष्ठ विधायक है और संसदीय कार्य मंत्री रह चुके है,क्या यह मामला प्रश्न से उद्भुत होता है।इसका कांग्रेस सदस्यों पर कोई असर नही हुआ।
कांग्रेस विधायक दल के उप नेता कवासी लकमा ने कहा कि चालान भेजने की कोई समय सीमा है नही। इसी बीच लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत ने टिप्पणी किया कि श्री शर्मा एवं लकमा में नेता कौन हैं इसकी लड़ाई है। मंत्री पैकरा ने फिर दोहराया कि समय सीमा बताना संभव नही है।कांग्रेस सदस्यों ने इसके बाद नारेबाजी करते हुए सदन से बिहर्गमन किया।


