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तेलंगाना-हुजूराबाद सीट उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने की चुनाव आयुक्त से मुलाकात

तेलंगाना की हुजूराबाद सीट पर उपचुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेताओं ने चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर सीट पर चुनाव रद्द कर नए सिरे से निपक्ष चुनाव कराने की मांग की है

तेलंगाना-हुजूराबाद सीट उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने की चुनाव आयुक्त से मुलाकात
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नई दिल्ली। तेलंगाना की हुजूराबाद (31) सीट पर उपचुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के नेताओं ने गुरुवार को चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर सीट पर चुनाव रद्द कर नए सिरे से निपक्ष चुनाव कराने की मांग की है। तेलंगाना कांग्रेस के नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो श्रवण दासोजू और कांग्रेस संगठन सचिव सी. वामसीचंद रेड्डी, तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुसुमा कुमार और हरकारा वेणुगोपाल राव ने शाम 5 बजे दिल्ली स्थित निर्वाचन भवन पहुंच कर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्र को तेलंगाना रद्द करने की मांग करते हुए एक ज्ञापन सौंपा।

चुनाव आयुक्त से मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता प्रोफेसर श्रवण ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से हुजूराबाद सीट उपचुनाव को रद्द करने की मांग की है। राज्य में बीजेपी और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) दोनों पार्टियां हजारों करोड़ रुपए खर्च करके चुनाव को व्यापर बना चुकी है।

उन्होंने कहा कि आचार संहिता की अनदेखी कर चुनाव क्षेत्र में शराब का वितरण हो रहा है। लोगों को पैसे बांटे जा रहे हैं। ये बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया और आचार संहिता का उल्लंघन है। अवैध धन, अवैध शराब वितरण के काम में स्थानीय पुलिस भी बीजेपी और टीआरएस की मदद कर रही है। ऐसे में हमने मांग की है कि स्थानीय चुनाव आयुक्त और पुलिस अधिकारियों को उपचुनाव के लिए बदला जाए। चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से किए जाएं।

गौरतलब है कि तेलंगाना हुजुराबाद विधानसभा सीट पर 30 अक्टूबर को विधानसभा के उपचुनाव होने हैं। इससे पहले इस सीट पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को चुनाव आयोग ने जनसभा करने से रोक दिया है। आयोग ने केवल हुजूराबाद विधानसभा सीट ही नहीं इसके मद्देनजर पड़ोसी हनामकोंडा और करीमनगर जिलों में भी किसी तरीके के राजनीतिक कार्यक्रम पर रोक लगा दी है। आयोग ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया है कि हुजूराबाद उपचुनाव तक सरकार अपनी चर्चित दलित बंधु योजना पर कोई काम न करें।

उल्लेखनीय है कि इस सीट पर टीआरएस और बीजेपी में कांटे की टक्कर है। बीजेपी राज्य के 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपना शक्ति परीक्षण करना चाहती है, जिसके लिए बीजेपी का ये सीट जीतना बेहद महत्वपूर्ण है।


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