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मप्र में कांग्रेस ने 'सोशल मीडिया' को बनाया हथियार

मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया को भाजपा पर सियासी हमले करने का बड़ा हथियार बनाया है।

मप्र में कांग्रेस ने सोशल मीडिया को बनाया हथियार
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भोपाल | मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया को भाजपा पर सियासी हमले करने का बड़ा हथियार बनाया है। कांग्रेस हर रोज तरह-तरह के वीडियो जारी कर भाजपा और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार पर हमले बोल रही है।

राज्य में संभवत नवंबर में उप चुनाव हो सकते हैं। इस बात के चुनाव आयोग ने संकेत भी दिए हैं। इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज करने की रणनीति बनाई है। कोरोना के कारण कांग्रेस जनसभाएं ज्यादा नहीं कर पा रहे हैं, लिहाजा सोशल मीडिया को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करने की रणनीति पर अमल तेज कर दिया है।

कांग्रेस की आईटी सेल द्वारा हर रोज एक से दो वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किए जा रहे हैं। इन वीडियो में भाजपा नेताओं के बयानों को आधार बनाया जा रहा है , नीतियों को लेकर हमले बोले जा रहे हैं, इतना ही नहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थामने वाले नेताओं को गद्दार प्रचारित किया जा रहा है।

कांग्रेस के सोशल मीडिया के अभियान के सवाल पर प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि जब अपनी बात पहुॅचाने का उचित माध्यम ही न बचा हो तो सोशल मीडिया ही एक मात्र सहारा बचता है और कांग्रेस उसी का उपयोग कर रही है। जनता तक अपनी बात पहुंचाना है, इसके लिए कांग्रेस सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म का सहारा ले रही है।

वहीं, दल बदलकर भाजपा दामन थामने वाले और शिवराज सरकार के मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया कांग्रेस के हमलों का तल्ख अंदाज में जवाब देते हैं और कहते हैं कि वे गददार नहीं खुददार हैं। अन्याय के खिलाफ सड़कों पर उतरे और सरकार गिरा दी, हमने अपने लिए नहीं किया, हम तो पहले भी मंत्री थे, जो किया वह सब जनता के लिए है। मुख्यमंत्री मिलते भी नहीं थे, जनता के खिलाफ अन्याय हो रहा था, इसलिए हमने यह फैसला लिया।

राजनीतिक विष्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस आमजन के बीच यह बात स्थापित करने में लगी है कि जिन लोगों ने कांग्रेस छोड़ी है और भाजपा की सरकार बनवाई है, उन्हेाने वोट का सौदा किया है। कांग्रेस को लगता है कि सोशल मीडिया के जरिए जनता के बीच भाजपा और उम्मीदवारों के खिलाफ माहौल बनाया जा सकता है और उसी क्रम में यह कोशिशें चल रही है। अभी भाजपा की सक्रियता बाकी है, भाजपा जब सक्रिय होगी तब कांग्रेस का अभियान कैसा रहेगा, यह समय पर पता चलेगा।


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