कांग्रेस नेताओं ने पुलिस पर दमन और आतंक फैलाने का लगाया आरोप
बेरला की घटना को लेकर गुरूवार को कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी बेरला पहुंचे
बेमेतरा। बेरला की घटना को लेकर गुरूवार को कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी बेरला पहुंचे। सांसद ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, मोहम्मद अकबर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक धनेन्द्र साहू, अरूण वोरा, अमितेष शुक्ला, बी.डी. कुरैशी, राज्य सभा सांसद छाया वर्मा, भजन सिंह निरंकारी, भिलाई महापौर देवेन्द्र यादव, से लेकर कांग्रेस के बड़े नेता शामिल होकर मौके का जायजा लिये और बड़ा प्रदर्शन किया। बारगांव गैंगरेप से उपजी आक्रोश के चलते बुधवार को बेरला में क्षेत्र के लोगों और पुलिस के बीच झड़प के बाद आंदोलनकारियों व कांग्रेस के वरिष्ठ पदाधिकारियों के खिलाफ लोक समपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने, जान से मारने का प्रयास करने, अपराधिक षड़यन्त्र जैसे मामलों को लेकर तहसीलदार, पुलिस, चक्काजाम करने एवं स्थानीय दुकानदार की शिकायत पर बेरला पुलिस ने आरोपी एवं कांग्रेस के जिला अध्यक्ष आशीष छाबड़ा, जिला पंचायत अध्यक्ष कविता साहू, जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष शशिप्रभा गायकवाड़, जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुलजार अली सहित अन्य लोगों के खिलाफ धारा 147, 148,149,186, 332, 341,342, 353, 427,307 तथा 120(बी) भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।
मामले में अभी तक जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष गुलजार अली, भुवन निषाद व सुखलाल ग्राम तबलखोर, राजेश सतनामी ग्राम कुम्ही, पुष्पकांत वैष्णव ग्राम कुसमी, रज्जू यादव व नंदू यादव बेरला, चंद्र विजय धीवर ग्राम भिंभौरी सहित 8 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हे जेल भेज दिया गया है। घटना को लेकर जिस तरीके से पुलिस ने अपनी अर्कमण्यता, चूक व लापरवाही को छुपाकर स्थानीय कांग्रेसी नेताओं को अपना निशाना बना रही है।
उसी को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल के साथ पहुंचे कांग्रेस के आला नेताओं ने पुलिस पर आरोप लगाते कहा कि पुलिस अपनी लापरवाही को छुपाने के लिये कांग्रेस पार्टी के नेताओं एवं क्षेत्र की भोली भाली महिलाओं को द्वेषपूर्वक फंसा रही है क्योंकि धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन सौंपने के बाद कांग्रेसी नेता धरना स्थल से वापस हो गये थे, तब पुलिस को लाठीचार्ज करने की नौबत क्यो आई? वही ग्रामीण परिवेष में जीने मरने वाली महिलाओं के ऊपर पुलिस हिंसक बनकर टूट पड़ी, तब जाकर ही भीड़ उग्र होकर अपनी प्रतिक्रिया में पथराव किया है। इस घटना के लिये सबसे बड़ी जवाबदार पुलिस ही है। प्रशासन की सूचना तंत्र कमजोर हो कर पुलिस निरंकुश हो गई है, जो जनता की नही सिर्फ रमन सिंह की चाकरी कर रही है।
भूपेश बघेल ने आरोप लगाते कहा कि बेरला पुलिस अर्कमण्य व भ्रष्ट है। पिछले दिनों बेरल में सिवार व बारगांव की घटना इसका ज्वलंत प्रमाण है। ग्राम सिवार में एक शरीरिक रूप से कमजोर लड़की की बलात्कार पश्चात् हत्या कर दी गई थी। उस घटना ने आरोपी के खिलाफ बलात्कार की धारा ही नही लगाई गई, वहीं बारगांव गैंगरेप की घटना में शामिल आरोपी में से 2 को थाने से ही पुलिस ने छोड़ दिया। कांग्रेस पार्टी इन घटनाओं पर न्यायिक जांच की मांग करती है क्योंकि पुलिस की जांच पुलिस करे, उस पर विश्वास करना कठिन होता है। इसलिए हाईकोर्ट के वर्तमान या सेवानिवृत न्यायाधीश से मामले की जांच करवाई जावे, तब जाकर मामले की असलियत जनता के सामने आ पायेगी।
पुलिस पर पीड़िता को गायब करने का आरोप- बारगांव मामले में रेप पीड़िता की लापता होने का आरोप पुलिस पर है क्योंकि उसने पीड़िता को गायब करा दिया है। भूपेश बघेल ने आरोप लगाया है कि गैंगरेप के आरोपियों को बचाने में पुलिस जुटी हुई है, आरोपियों के साथ पुलिस के मिलीभगत है, इसीलिए उन्हे थाने से छोड़ दिया गया।
छत्तीसगढ़ की महिलाएं उग्र कदम उठाएं- भूपेश
बेरला विश्राम गृह में भूपेश बघेल व कांग्रेस कमेटी के साथ प्रशासन की तरफ से एडीशनल एस.पी. शशिमोहन सिंह, गायत्री सिंह, एसडीएम चर्चा करने पहुंचे। उस वक्त पीसीसी अध्यक्ष ने तल्ख लहजे से प्रशासन की भूमिका पर आक्रोश जताया और क्षेत्र में हो रही घटनाओं में पुलिस की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाएं अपने घर से नही निकलती। यहां की घटना बर्दास्त से बाहर हो चुकी थी, इसी कारण उन्हे ऐसा कदम उठाना पड़ा। अगर पुलिस घटना दिवस को महिलाओं पर लाठीचार्ज नही करती तो स्थिति सामान्य रहती।
बेरला में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है - सांसद साहू
बेरला में पुलिस केे रवैये को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है। वहीं क्षेत्र में लगातार हो रही घटना से बेरला में दहशत का वातावरण बना हुआ है और पुलिस संरक्षण में अवैध शराब जोरो से बिक रही है। क्षेत्र में तीन चार घटना होने और उस पर पुलिस की लीपा पोती के कारण जन आक्रोश बढ़ा है।
बुधवार की घटना में कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर अपराध दर्ज कर जेल भेजने की कार्यवाही पर आक्रोश जताया ।तथा पुलिस व प्रशासन को खुली चेतावनी दी कि निरपराध लोगों पर कार्यवाही हुई तो पूरे संसदीय क्षेत्र ही नही प्रदेश के कोने कोने में प्रदर्शन होगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।


