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पेंशन का बिल कम करना था तो पीएम के 8 हजार करोड़ के जहाज न खरीदते, सेन्ट्रल विस्टा न बनाते : सचिन पायलट

अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने को लेकर रविवार को तमाम नेता जंतर मंतर पर सत्याग्रह पर बैठे हैं

पेंशन का बिल कम करना था तो पीएम के 8 हजार करोड़ के जहाज न खरीदते, सेन्ट्रल विस्टा न बनाते : सचिन पायलट
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नई दिल्ली, अग्निपथ योजना पर कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने को लेकर रविवार को तमाम नेता जंतर मंतर पर सत्याग्रह पर बैठे हैं, इस दौरान दौरान सचिन पायलट ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, 'पेंशन का बिल कम करना था तो पीएम के 8 हजार करोड़ के जहाज न खरीदते, सेन्ट्रल विस्टा न बनाते।' कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने जंतर मंतर पर इस योजना के विरोध में सत्याग्रह किया। सचिन पायलट ने कहा, "भारत सरकार ने एक बार फिर यह साबित किया है वे ना किसी की सुनेंगे ना समझेंगे और अपनी मर्जी से कानून थोप देंगे, नौजवानों को हिंसा रोकनी चाहिए, कानून को हाथ में नहीं लेना चाहिए क्योंकि हिंसा किसी सवाल का जवाब नहीं है। देश में बढ़ रहे आक्रोश को सरकार को समझना चाहिए।"

"अग्निपथ योजना नौजवानों के साथ ही खिलवाड़ नहीं बल्कि सेना के साथ जो खिलवाड़ हो रहा है वह चिंता का विषय है।"

उन्होंने कहा, "गांव में लड़के- लड़कियां देश सेवा करना चाहते हैं वो सिर्फ भत्थे व पेंशन के लिए फौज में नहीं जाते। 15 लाख लोग हमारी थल सेना में हैं, यदि आपको अपना पेंशन का बिल कम करना था तो और भी तरीके हैं। प्रधानमंत्री के लिए 8 हजार करोड़ के जहाज नहीं खरीदते, हजारों करोड़ों का जो सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट बन रहा है, उसने बनाते। फिजूल खर्चे पर यदि पाबंदी लगती तो पेंशन का बिल कम हो जाता।"

उन्होंने आगे कहा, "सरकार सत्ता में रहकर विपक्ष पर आरोप लगा रही है। बार बार नियमों में बदलाव दर्शाता है कि इस बारे में पहले सोचा ही नहीं गया है। कृषि कानून जिस तरह कानून वापस लेने पड़े उसी तरह इसे भी वापस लेना होगा।"

देशभर में भी युवा इस योजना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और कई शहरों व कस्बों से हिंसा की घटनाएं दर्ज की गई हैं। वहीं अग्निपरीक्षा योजना के तहत भर्ती होने वाले अग्निवीरों के लिए गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया गया है।

इसमें भर्ती के लिए अग्निवीरों को निर्धारित अधिकतम प्रवेश आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का फैसला किया है और अग्निपथ योजना के पहले बैच के लिए यह छूट 5 वर्ष होगी।


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