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भाजपा को खत्म करने आया कांग्रेसी नेता, अब न घर का, न घाट का : खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर आज परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि कैथल छोड़कर जींद उपचुनाव में भाजपा को खत्म करने गया था

भाजपा को खत्म करने आया कांग्रेसी नेता, अब न घर का, न घाट का : खट्टर
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कैथल/कलायत। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर आज परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि कैथल छोड़कर जींद उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को खत्म करने गया था लेकिन अब न घर का और न घाट का रहा।

खट्टर ने कलायत विधानसभा क्षेत्र के राजौंद में भाजपा प्रत्याशी कमलेश ढांडा के समर्थन में रैली को सम्बोधित करते कहा श्री सुरजेवाला पर अपना परोक्ष हमला जारी रखते हुये कहा कि वह सोच रहा था कि जींद से दिल्ली नजदीक आ जायेगी। उसकी क्या गत हुई वह जनता जानती है। मात्र कुछ वोटों से अपनी जमानत बचा पाया। अब वह न कैथल का रहा और न ही जींद का रहा। उन्होंने कहा जो भाजपा से टकरायेगा, उसका घमंड चूर-चूर हो जायेगा। आज इस कांग्रेसी नेता की वही हालत हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के उस नेता को जींद की जनता ने ऐसा धक्का मारा कि अब कैथल से भी गया। उन्होंने कहा कि भाजपा एक सिस्टम के तहत काम करती है जबकि कांग्रेस का कोई सिस्टम ही नहीं है। कांग्रेस का एक ही टारगेट है कि किस तरह से वंशवादी परिवार को खुश किया जाये और सभी कांग्रेसी उसही की सेवा में लगे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद हर चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत हासिल हुई है। पांच साल ढाई करोड़ लोगों को अपना परिवार मानकर उन्होंने सेवा की है। उनकी सेवा में कभी दिन नहीं देखा और न कभी रात देखी। सेवा में इतना तल्लीन हुआ कि कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने राज्य जनता से कहा कि आप लोग हमारा पांच साल का काम और पिछली सरकारों के 48 साल के काम का आंकलन करें। आपको लगेगा कि हमारे पांच साल पिछले 48 सालों पर भारी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा ने राजनीति के मायने बदले हैं। इसकी प्रेरणा उन्हें राष्ट्रीय नेतृत्व से मिली है। वर्ष 2014 से पहले नेताओं की छवि देश में अच्छी नहीं थी। अच्छे लोग राजनीति में आने से इंकार करते थे। लेकिन मोदी ने राजनीति के मायने बदले और नेताओं की छवि को सुधारा। उसी नेतृत्व का हमने भी अनुसरण किया। पहले राजनीति में लोग सत्ता भोगने के लिए आते थे और अपना, रिश्तेदारों, जीजा साला का घर भरते थे।

लेकिन हमने इस राजनीति को बदल दिया है। अब नेता राजनीति को समाज सेवा का साधन मानने लगे हैं। हमने युवाओं के भविष्य पर ध्यान दिया। पहले की सरकारों में पर्ची और खर्ची से सरकारी नौकरियां मिली थीं। इस सिस्टम पर हमने ताला लगाकर युवाओं में पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा की। आज युवाओं में पढ़ाई के होड़ लगी हुई है। उनको पता लग गया है कि भाजपा सरकार में योग्यता के आधार पर नौकरी मिलेगी।


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