मप्र में कांग्रेस गुना की घटना के बहाने माहौल बिगाड़ने में लगी है : भाजपा
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "गुना में जो घटना हुई है

भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कांग्रेस पर गुना की घटना के बहाने राज्य के सामाजिक वातावरण को बिगाड़ने का षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते हुए कहा है कि समाज में फूट डालना, अशांति पैदा करना कांग्रेस की संस्कृति रही है। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष शर्मा ने एक बयान जारी कर कहा, "गुना में जो घटना हुई है, उसका किसी समाज विशेष से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि वह अतिक्रमण करने वाले और अतिक्रमण हटाने गए प्रशासनिक अमले के बीच का विवाद है। इस घटना के बहाने कांग्रेस अपने शासनकाल के पापों को छुपाना चाहती है और प्रदेश के वातावरण में जातिवाद का जहर घोलना चाहती है।"
शर्मा ने कहा कि गुना में एक उत्कृष्ट महाविद्यालय निर्माण के लिए लगभग साढ़े चार हेक्टेयर जमीन उच्च शिक्षा विभाग को सौंपी गई थी और 12 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इस जमीन पर गब्बू पारदी नामक व्यक्ति ने अतिक्रमण कर रखा था, जिसका लंबा आपराधिक रिकार्ड है और तीन थानों में उस पर कई मामले दर्ज हैं। बुधवार को जब प्रशासनिक अमला इस जमीन से अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो गब्बू पारदी ने उन लोगों को भड़का दिया, जो उसके संरक्षण में उस जमीन पर खेती कर रहे थे। गब्बू पारदी ने ही एक महिला को कीटनाशक पीने के लिए उकसाया और जब महिला को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तो गब्बू के इशारे पर ही कुछ लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया।
शर्मा ने कहा कि यह सही है कि हालात को संभालने में प्रशासनिक टीम से चूक हुई और एक महिला और पुरुष के साथ पुलिस द्वारा मारपीट की गई। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना को पूरी गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के कलेक्टर, एसपी और रेंज के आईजी को तुंरत प्रभाव से हटा दिया। इसके साथ ही संबंधित अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार इस घटना की जांच तो करा रही है, लेकिन इस मामले में दिग्विजय सिंह की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए। इस प्रश्न का जवाब खोजा जाना चाहिए कि आखिर किसकी शह पर गब्बू पारदी ने इस जमीन पर कब्जा करने की हिम्मत जुटाई। उत्कृष्ट कॉलेज की भूमि से बेदखली की कार्रवाई नवंबर, 2019 में शुरू की गई थी, लेकिन उस समय इस कार्रवाई को राजनीतिक दबाव के चलते रोक दिया गया था। कांग्रेस सरकार में यह दबाव किसने डाला होगा, इसका अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन जनता के सामने उस चेहरे को बेनकाब होना चाहिए।


