Top
Begin typing your search above and press return to search.

1952 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने वाली 14 पार्टियों में से एकमात्र पार्टी बची कांग्रेस

भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को राष्ट्रीय दलों की सूची से हटाने का फैसला करने के बाद, 1952 में पहली बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली 14 राजनीतिक दलों में अब यह दर्जा बरकरार रखने वाली कांग्रेस एकमात्र पार्टी रह गई है

1952 में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पाने वाली 14 पार्टियों में से एकमात्र पार्टी बची कांग्रेस
X

कोलकाता, भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को राष्ट्रीय दलों की सूची से हटाने का फैसला करने के बाद, 1952 में पहली बार राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करने वाली 14 राजनीतिक दलों में अब यह दर्जा बरकरार रखने वाली कांग्रेस एकमात्र पार्टी रह गई है। कांग्रेस और सीपीआई के अलावा, 1952 में सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ, ऑल इंडिया शेड्यूल्ड कास्ट फेडरेशन, बोल्शेविक पार्टी ऑफ इंडिया, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, मार्क्‍सिस्ट फॉरवर्ड ब्लॉक, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (रुइकर ग्रुप), अखिल भारतीय राम राज्य परिषद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा, भारतीय क्रांतिकारी कम्युनिस्ट पार्टी, कृषिकर लोक पार्टी और किसान मजदूर प्रजा पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला था।

इनमें से 12 पार्टियों में से कुछ का अस्तित्व समाप्त हो गया है, हाल के दिनों में किसी के पास राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा नहीं रहा।

1925 में स्थापित सीपीआई ने 1952 में देश में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्राप्त किया। उस वर्ष सीपाआई आम चुनावों में कांग्रेस के बाद 16 सीटें जीतकर प्रमुख विपक्षी पार्टी बन गई। कांग्रेस को कुल 364 सीटें मिलीं। उस समय सोशलिस्ट पार्टी 12 प्रतिनिधियों के साथ भारतीय संसद में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी थी।

सीपीआई ने देश को हिरेंद्रनाथ मुखर्जी, इंद्रजीत गुप्ता, गीता मुखर्जी और गुरुदास दासगुप्ता जैसे कुछ सबसे प्रमुख सांसदों का उपहार दिया है।

हालांकि, 1964 में सीपीआर्ठ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्‍सवादी) के गठन के साथ बिखर गई। उस समय नवगठित सीपीआई (एम) के पहले नौ पोलित ब्यूरो सदस्य पी. सुंदरय्या, बी.टी. रणदिवे, प्रमोद दासगुप्ता, ई.एम.एस. नंबूदरीपाद, एम. बसवपुनैया, हरकिशन सिंह सुरजीत, पी. राममूर्ति, ए.के. गोपालन और ज्योति बसु थे।

पी. सुंदरय्या सीपीआई (एम) के पहले महासचिव थे। पार्टी के पहले पोलित ब्यूरो के सभी नौ सदस्य अब मर चुके हैं। इस गिनती पर सोमवार को ईसीआई की ताजा सूची के बाद भी सीपीआई (एम) ने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा बरकरार रखा है।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it