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मणिपुर में कांग्रेस ने किया सदन से बहिर्गमन

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा, "सभी संसदीय सचिवों को हटा दिया गया और अब यह कोई मुद्दा नहीं है

मणिपुर में कांग्रेस ने किया सदन से बहिर्गमन
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इंफाल। मणिपुर में प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने कांग्रेस विधायक टी. श्यामकुमार के पार्टी बदलकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बनने के बाद दल-बदल रोधी कानून के प्रावधानों पर विधानसभा अध्यक्ष युमनाम खेमचंद द्वारा चर्चा से इनकार करने के बाद सदन का बहिष्कार कर दिया। कांग्रेस विधायक ए. मीराबाई ने अध्यक्ष से कहा, "संविधान की रक्षा के लिए सदन बनाया गया है। लेकिन एंड्रो विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक टी. श्यामकुमार का पाला बदल लेना क्या संवैधानिक है?"

उन्होंने इस मुद्दे पर 'प्वाइंट आफ आर्डर' की मांग की। लेकिन, खेमचंद ने यह कहते हुए अनुमति नहीं दी कि यह सही समय नहीं है।

अध्यक्ष के आदेश के खिलाफ विपक्षी विधायकों ने सदन का बहिष्कार कर दिया और वे सदन से बाहर चले गए।

कांग्रेस विधायक और मेघालय कांग्रेस अध्यक्ष टी.एन. हाओकिप ने आईएएनएस को बताया कि उनकी पार्टी ने राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला और विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दायर कर भाजपा में शामिल होने वाले आठ कांग्रेस विधायकों और 12 संसदीय सचिवों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। सुनवाई न होने की स्थिति में उन्होंने कानूनी कार्रवाई का विकल्प भी बताया।

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने कहा, "सभी संसदीय सचिवों को हटा दिया गया और अब यह कोई मुद्दा नहीं है। सरकार ने कुछ वर्ष पहले यह निर्णय लिया था कि संसदीय सचिवों का पद लाभ का पद नहीं है।"

मणिपुर में 60 विधानसभा सीटों पर 2017 चुनावों में भाजपा को 21 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस के पास 28 सीटें थीं। भाजपा ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के कुछ बागी विधायकों से हाथ मिला लिया था।


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