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महागठबंधन के मजबूती से चुनाव लड़ने को रणनीति बनाने के पक्ष में कांग्रेस

कांग्रेस बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सभी घटक दल एक साथ मजबूती से चुनाव लड़े इसके लिए रणनीति बनाए जाने के पक्ष में है

महागठबंधन के मजबूती से चुनाव लड़ने को रणनीति बनाने के पक्ष में कांग्रेस
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पटना। कांग्रेस बिहार में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के सभी घटक दल एक साथ मजबूती से चुनाव लड़े इसके लिए रणनीति बनाए जाने के पक्ष में है।

कांग्रेस के बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि महागठबंधन के सभी घटक दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद), राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) एक साथ मिलकर राज्य में अगला विधानसभा चुनाव लड़े। इसके लिए जरूरी है कि सभी घटक दल के नेता व्यक्तिगत हितों को दरकिनार कर महागठबंधन को चुनाव में जीत दिलाए जाने की भावना से काम करें।

श्री गोहिल ने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन कांग्रेस आलाकमान के आदेश के बाद वह फिर से बिहार में कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजद की ओर से बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को अगले विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की घोषणा करना पार्टी का अंदरूनी मामला है और कांग्रेस इससे इत्तेफाक नहीं रखती।

कांग्रेस के प्रभारी ने कहा कि बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मिलीजुली सरकार है लेकिन दोनों दलों के विचार कई अहम मुद्दों पर अलग-अलग हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर जदयू और भाजपा में दरार ही दरार है।


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