Top
Begin typing your search above and press return to search.

अंग्रेजों के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने वाले कांग्रेस को प्रधानमंत्री से है दिक्कत : मालवीय

संसद के नए भवन के उद्घाटन के बहिष्कार को लेकर अब भाजपा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला तेज कर दिया है

अंग्रेजों के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने वाले कांग्रेस को प्रधानमंत्री से है दिक्कत : मालवीय
X

नई दिल्ली। संसद के नए भवन के उद्घाटन के बहिष्कार को लेकर अब भाजपा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर हमला तेज कर दिया है। भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने ब्रिटिश शासनकाल में किए गए वर्तमान संसद भवन भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का जिक्र करते हुए ट्वीट कर कहा, वर्तमान संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को वायसराय लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था। कांग्रेस और स्वराज पार्टी जैसे विभिन्न भारतीय राजनीतिक दलों के नेताओं, जिनमें मोतीलाल नेहरू जैसे नेता शामिल हुए थे। कार्यक्रम में विभिन्न दलों के नेताओं के अलावा देशी रियासतों के शासकों ने भी शिरकत की थी। लेकिन आज कांग्रेस को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में भाग लेने में समस्या है, भले ही समारोह आयोजित करने वाला व्यक्ति लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधान मंत्री हो।

मालवीय ने आगे कहा, अंग्रेजों के प्रति कांग्रेस की वफादारी और भारत के लोगों के प्रति तिरस्कार की क्या व्याख्या है?

मालवीय ने छत्तीसगढ़ में विधान सभा के शिलान्यास कार्यक्रम की याद दिलाते हुए यह भी कहा, छत्तीसगढ़ में विधान सभा शिलान्यास के समय (अगस्त 2020 में) गवर्नर अनुसुइया उईके थीं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से आती हैं। जनजातीय समाज से हैं। उनका नाम शिलापट्ट पर नहीं है, अपितु सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम अंकित है। सोनिया और राहुल गांधी मात्र सांसद हैं। फिर किस प्रोटोकॉल के अन्तर्गत उनसे भूमि पूजन करवाया? गवर्नर को क्यों नहीं बुलाया?

गौरतलब है कि संसद के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से नहीं कराए जाने के मुद्दे को उठाते हुए विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है।

बुधवार को एनडीए गठबंधन में शामिल घटक राजनीतिक दलों ने भी एक साझा बयान जारी कर विपक्षी दलों के बहिष्कार के फैसले की निंदा करते हुए कहा था कि यह महज अपमानजनक फैसला नहीं है, बल्कि इस महान देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मान्यताओं पर हमला है। एनडीए के घटक दलों ने विपक्षी दलों से बहिष्कार के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध किया।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it