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कांग्रेस का तुष्टिकरण की राजनीति का रहा है लंबा इतिहास : जेपी नड्डा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर 1916 से ही धर्म के आधार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का तुष्टिकरण की राजनीति का एक लंबा इतिहास रहा है

कांग्रेस का तुष्टिकरण की राजनीति का रहा है लंबा इतिहास : जेपी नड्डा
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नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर 1916 से ही धर्म के आधार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का तुष्टिकरण की राजनीति का एक लंबा इतिहास रहा है।

1916 में मुस्लिम लीग के साथ किए गए राजनीतिक समझौते, 1922 में केरल में हुई हिंसा और 1946 में कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) में हुई हिंसा सहित कई घटनाओं का जिक्र करते हुए नड्डा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।

नड्डा ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वायनाड में वोटों की इतनी कमी हो गई है कि अब उन्हें मुस्लिम लीग भी सेक्युलर नजर आने लगी है।

नड्डा ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान और उसके बाद हुई हिंसा की तुलना 1946 के 'डायरेक्ट एक्शन डे' से करते हुए कहा कि जिस तरह उस समय वोट को देखने वाले दल चुप थे, उसी तरह आज भी घमंडिया गठबंधन वाले बंगाल के हालात पर चुप हैं क्योंकि ये दल देश को नहीं सिर्फ वोट को ही देखते है।

भारत के 'विभाजन की विभीषिका' स्मृति दिवस के अवसर पर दिल्ली भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि एक तरफ जब हम आजादी की वर्षगांठ मनाएंगे तो दूसरी तरफ आज ही के दिन 14 अगस्त को लोगों से जो ऐतिहासिक धोखा हुआ, उस दाग को याद करके हमें दुख हो रहा है, जो बहुत दुखद है। यह घटना भूलने योग्य नहीं है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे संघर्ष किया और अपनी शहादत दी।

उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि इतनी शहादत के बाद भी हमें खंडित आजादी मिली क्योंकि भारत के दूसरे हिस्से को दूसरे देश के रूप में जाना जाने लगा।

नड्डा ने एनडीएमसी हॉल के बाहर लगी प्रदर्शनी का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में यह स्पष्ट है कि जब भारत आजाद हो रहा था, तब देश के एक बड़े हिस्से के लोग अपनी जान बचाने के लिए इस क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे।

भारत का विभाजन इतिहास के सबसे बड़े विस्थापन के रूप में याद की जाने वाली घटना है, जिसमें लगभग 1.5 करोड़ लोग विस्थापित हुए और लगभग 10 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इतनी बड़ी घटना होना मानवता के लिए शर्मसार करने वाली बात है।

बता दें कि भाजपा की दिल्ली प्रदेश ईकाई ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को याद करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रो. विजय कुमार मल्होत्रा, भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पांडा, केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और रामवीर सिंह बिधूड़ी ने भी सेमिनार को संबोधित किया।

डॉ. हर्षवर्धन, मनोज तिवारी और रमेश बिधूड़ी सहित भाजपा के अन्य कई सांसद एवं नेता भी कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे।

विभाजन की पीड़ा झेलने वाले पंजाबियों के संगठनों के सैकड़ों वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

नड्डा के संबोधन के बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने 1947 में विभाजन प्रक्रिया के दौरान मारे गए लोगों की याद में जंतर-मंतर से कनॉट प्लेस के सेंट्रल पार्क तक एक मौन मार्च भी निकाला।

दिल्ली के सभी भाजपा सांसद, दिल्ली विधानसभा और एमसीडी में एलओपी के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ नेता और पार्टी पदाधिकारी भी मार्च में शामिल हुए।


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