कांग्रेस ने हार्दिक पर राजद्रोह के केस हटाने का आश्वासन दिया
आरक्षण को लेकर दो दिन में फिर से चर्चा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह गला काट देने पर भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे

अहमदाबाद/राजकोट। गुजरात चुनाव से पहले पाटीदार समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर पार्टी का रूख स्पष्ट करने को लेकर कांग्रेस तथा हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नौ संयोजकों की कोर कमेटी की बैठक में पार्टी ने यह आश्वासन दिया कि अगर इसकी सरकार बनी तो यह हार्दिक पर राजद्रोह के दो मुकदमों समेत पाटीदार आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस ले लेगी। हार्दिक खुद इस बैठक में हाजिर नहीं रहे । कांग्रेस ने इस बैठक में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा में मारे गये 14 लोगों के परिजनों को सरकारी नौकरी और 35 लाख की सहायता देने, आंदोलन के दौरान कथित पुलिस ज्यादती की जांच के लिए विशेष जांच दल यानी एसआईटी बनाने तथा संवैधानिक तौर पर सवर्ण आयोग बनाने तथा इसके लिए 2000 करोड का कोष देने का भी आश्वासन दिया है। हालांकि समुदाय को आरक्षण के मुद्दे पर विशेषज्ञों से राय लेकर फिर से बैठक करने बात आज की बैठक में तय हुई। हार्दिक ने राजकोट में एक पत्रकार सम्मेलन में इस बैठक को सकारात्मक बताया तथा कहा कि संकेत दिया कि वह आर्थिक आधार पर आरक्षण (ईबीसी) लेने के लिए भी तैयार हैं।
आरक्षण को लेकर दो दिन में फिर से चर्चा होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह गला काट देने पर भी भाजपा के साथ नहीं जाएंगे। पास की कोर कमेटी के साथ चर्चा कर एक नवंबर से होने वाले राहुल गांधी के गुजरात दौरे पर उनसे मिलने अथवा न मिलने के बारे में निर्णय करेंगे। भाजपा का ईबीसी आरक्षण अदालत ने रद्द कर दिया है इसलिए उसे इस पर बात करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह किसी का विरोध अथवा समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने इस मामले में कांग्रेस को तीन नवंबर तक रूख स्पष्ट करने के बारे मे दिया अल्टीमेटम सात नवंबर तक बढा दिया। उधर सत्तारूढ भाजपा ने कांग्रेस और हार्दिक पर पाटीदार समाज को भ्रमित करने और ठगने का आरोप लगाया तथा कहा कि कांग्रेस चुनावी लाभ के लिए समाज में फूट डालने का प्रयास कर रही है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने कहा कि हार्दिक ने ओबीसी आरक्षण पर अब क्यों चुप्पी साध ली है जबकि वह सरकार पर हमेशा इसी को लेकर दबाव बनाते थे। असल में हार्दिक कांग्रेस को समर्थन की घोषणा करने के लिए बहाने ढूंढ रहे हैं। कांग्रेस के मौजूदा प्रमुख तीन नेता पूर्व अध्यक्ष सिद्धार्थ पटेल, प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी और पूर्व मंत्री तुषार चौधरी के पिता क्रमश: चिमनभाई पटेल, माधवसिंह सोलंकी तथा अमरसिंह चौधरी कांग्रेस के शासन में मुख्यमंत्री थे और उस दौरान विभिन्न आंदोलनों में सैकडो निर्दोष लाेग मारे गए थे।
उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि हार्दिक ने राहुल गांधी की सभा में हंगामा करने की चेतावनी दी थी पर कांग्रेस के किसी भी नेता ने इस पर कोई बयान क्यों नहीं दिया। इससे पहले पास के नेता अल्पेश कथिरिया और कांग्रेस के नेता सिद्धार्थ पटेल ने अलग अलग संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आरक्षण का मुद्दा फिर से किसी पेंच में न फंस जाये इसलिए इस पर कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञों से राय लेकर फिर से बैठक होगी। कथिरिया ने कहा कि पास ने अभी तक किसी भी दल को समर्थन करने का निर्णय नहीं लिया है। राहुल गांधी की एक नवंबर से होने वाली यात्रा पर रूख भी हार्दिक पटेल के साथ सलाह मशविरे के बाद तय किया जायेगा। पाटीदार समाज इस पर लांछन लगाने वाले भाजपा का विरोध करने का संकल्प पहले ही जता चुका है।
भाजपा की ओर से गठित गैर आरक्षित वर्ग आयोग संवैधानिक व्यवस्था के तहत नहीं है। हार्दिक और कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी दोनो ने भाजपा की ओर से इस बैठक को मैच फिक्सिंग यानी पहले से तय परिणाम वाला बताने पर आपत्ति जतायी। श्री सोलंकी ने कहा कि अगर यह बैठक तय होती तो पास आज ही कांग्रेस को समर्थन की घोषणा कर देती। हार्दिक ने कहा कि वह पहले भी कह चुके हैं कि वह ओबीसी वर्ग का हक लेकर पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण नहीं चाहते। ज्ञातव्य है कि हार्दिक और पास की ओर से कांग्रेस को समर्थन की औपचारिक घोषणा से पहले उन्होंने पार्टी से आरक्षण के मुद्दे पर इसका रूख स्पष्ट करने की मांग की थी। बैठक में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया और सिद्धार्थ पटेल (पार्टी के प्रमुख पाटीदार नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल के पुत्र) तथा हार्दिक पटेल को छोड कर पास के नौ संयोजकों की कोर कमेटी ने शिरकत की।
बैठक पार्टी के प्रदेश मुख्यालय यहां पालडी स्थित राजीव गांधी भवन में हुई। बैठक में भाग ले रहे पास के संयोजकों में हार्दिक के करीबी दिनेश बांभणिया, मनोज पनारा, ललित वसोया, अतुल पटेल, अल्पेश कथिरिया, किरीट पटेल, उदय पटेल और गीता पटेल शामिल थे। पास को कांग्रेस ने बाजाप्ता आमंत्रित किया था। ज्ञातव्य है कि सौराष्ट्र का दौरा कर रहे हार्दिक पटेल ने कहा था कि वह इस बैठक के बाद गुजरात चुनाव में कांग्र्रेस के समर्थन पर अपना रूख स्पष्ट कर देंगे। हार्दिक पर भाजपा इस बात के लिए दबाव बना रही है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि हार्दिक को बताना चाहिए कि कांग्रेस उनके समुदाय को क्या ओबीसी का दर्जा दिलाने को तैयार है। अगर कांग्रेस आर्थिक आधार पर आरक्षण यानी ईबीसी की बात करती है तो भाजपा तो पहले ही ऐसा कर चुकी है।
कांग्रेस ने पूर्व में 20 प्रतिशत ईबीसी देने की बात कही थी। सत्तारूढ भाजपा का खुलेआम विरोध कर रहे हार्दिक ने दो दिन पूर्व एक ट्विट कर कांग्रेस के पाटीदार समुदाय को आरक्षण पर इसका रूख स्पष्ट नहीं करने पर इसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की एक नवंबर से तीन नवंबर तक दक्षिण गुजरात यात्रा के दौरान विरोध की चेतावनी दी थी। उन्होने चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस ने तीन तक अपना रूख स्पष्ट नहीं किया तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की सभा में सूरत में उनके समर्थकों के जबरदस्त हंगामे की पुनरावृत्ति की जाएगी।


