सिद्धू के दबाव में कांग्रेस हाईकमान
पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार के इस्तीफे के बाद पंजाब कांग्रेस के अंदर विवाद थमने की जगह और बढ़ गया है. .... पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच जारी सियासी खींचतान का नुकसान कांग्रेस पार्टी को होता दिख रहा है. सिद्धू अपनी राय सार्वजनिक रूप से रख रहे हैं तो कैप्टन खेमा सिद्धू पर नियंत्रण ना लगा पाने को लेकर पार्टी हाईकमान पर ही संकेतों में निशाना साधा रहा है.

पंजाब कांग्रेस में चल रही कलह के बीच राज्य के पार्टी प्रभारी हरीश रावत ने अब सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की ..रावत ने उन्हें राज्य की स्थिति की रिपोर्ट सौंपी है... वैसे ये कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तराखंड विधानसभा चुनावों को देखते हुए हरीश रावत पंजाब के प्रभारी पद से इस्तीफा दे सकते हैं. लेकिन राहुल गांधी ने रावत से अभी पंजाब में काम करते रहने के निर्देश दिए हैं. पंजाब को लेकर ही आज हरीश रावत और राहुल गांधी के बीच बैठक हुई थी. हरीश रावत ने कहा कि मैंने राहुल गांधी को हालात से अवगत करा दिया है.. पार्टी पंजाब को लेकर पहले ही साफ कर चुकी है कि विधानसभा चुनाव हम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़ने जा रहे हैं.... पार्टी पूरी एकजुटता के साथ कैप्टन के नेतृत्व में लड़ेगी इसमें कोई संशय की बात नहीं है.. इस बीच नवजोत सिंह सिद्धू के तेवर तल्ख बने हुए हैं उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि अध्यक्ष रहते उन्हें फैसले लेने की छूट नहीं दी गई, तो वह ईंट से ईंट खड़का देंगे। वह दर्शानी घोड़ा बनकर नहीं रहना चाहते हैं.. सिद्धू का निशाना कैप्टन अमरिंदर सिंह थे. लेकिन उनके बयान के बाद भी पार्टी की ओर से ना तो सिद्धू को नोटिस दिया गया और ना ही उनके बयान का विरोध ही किया गया. हरीश रावत तो सिद्धू का बचाव करते दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि हर किसी के बोलने का अंदाज होता है ये बगावत नहीं है.. हरीश रावत का सिद्धू के पक्ष में बोलना कैप्टन खेमे की चिंता बढ़ा रहा है.. और ये चिंता लुधियाना से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के बयान से दिख रही है. मनीष तिवारी को कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है. उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान का वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया. हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती....


