कांग्रेस ने बरखा सिंह को निकाला, भाजपा ने भी कई नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाने वाली दिल्ली की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह को कांग्रेस ने पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है

नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाने वाली दिल्ली की पूर्व विधायक बरखा शुक्ला सिंह को कांग्रेस ने पार्टी से छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बाहर किया गया।
इसके बाद बरखा शुक्ला सिंह ने कहा कि पार्टी से निकालना राहुल गांधी की मानसिकता दिखाता है।
उन्होंने कहा कि निकालने के फरमान पर करारा जवाब देंगे और सभी विकल्प खुले हैं, मैं कोर्ट और चुनाव आयोग जाऊंगी। मैं पार्टी में रहकर लड़ाई लडूंगी, किसी और पार्टी में नहीं जाऊंगी। हम राहुल गांधी मुक्त कांग्रेस मुहिम चलाएंगे। उन्होंने राहुल गांधी को दिमागी रूप से बीमार, अजय माकन पर गाली देने का आरोप लगाया था।
गौरतलब है कि नगर निगम चुनाव के प्रचार के आखिरी दौर में बरखा सिंह ने कांग्रेस हाईकमान पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया तो पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया। जबकि भाजपा की नई दिल्ली से सांसद मीनाक्षी लेखी ने बताया कि बरखा सिंह भी भाजपा में शामिल हो सकती हैं, वे संपर्क में हैं। लेकिन देर शाम बरखा ने फिर कहा कि वे कांग्रेस में रहकर लड़ेंगी। हालांकि कांग्रेस के जमीनी नेता व कॉओपरेटिव बैंक के प्रमुख रहे चिराग दिल्ली के मास्टर जयभगवान, शाहपुर जाट के राजनीतिक परिवार से जुड़े सुरेंद्र, अंचित कौशिक सहित कई नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली।
बता दें कि निगम चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने 60 और कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकाल दिया है। इससे पिछले हफ्ते भी पार्टी ने 21 लोगों को निकाला था। इस तरह कुल निकाले गए कार्यकर्ता और नेताओं की संख्या 80 को पार कर चुकी है। पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप में निकाले इन लोगों में कई पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं या फिर पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य कर रहे थे।
पार्टी के नेताओं ने बताया कि उन लोगों को निकाला गया है जो कि खुद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे या फिर अपने घर में से किसी को चुनाव में खड़ा कर रहे थे।
जिन लोगों को निकाला गया उसमें कुछ निगम पार्षद भी शामिल हैं जिन्होंने या तो अपने परिवार के किसी सदस्यों को खड़ा कर दिया था या फिर वे लोग पार्टी के खिलाफ खड़े उम्मीदवार को सहयोग कर रहे थे।
पार्टी के नेता मानते हैं कि सभी लोगों कार्यकर्ताओं को फैसलों को मानना होगा। सभी लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है।


