शिक्षकों के 'चेकपोस्ट' बनाए जाने के विरोध में कांग्रेस का बहिर्गमन
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज ग्वालियर जिले में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने स्थान-स्थान पर 'चेकपोस्ट' बनाए जाने के आदेश के विरोध में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बहिर्गमन किया।

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में आज ग्वालियर जिले में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करने स्थान-स्थान पर 'चेकपोस्ट' बनाए जाने के आदेश के विरोध में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने बहिर्गमन किया।
कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव ने प्रश्नकाल के दौरान ये मुद्दा उठाते हुए पूछा कि शिक्षकों पर निगरानी के लिए क्या पूरे प्रदेश में ऐसे चेकपोस्ट बनाए गए हैं।
इस पर स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शुरुआती तौर पर ये व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में इसी क्षेत्र से सर्वाधिक शिकायतें मिलीं थीं, इस व्यवस्था के बाद अब शिकायतें नहीं आ रहीं।
जवाब से असंतुष्ट यादव ने इस पद्धति को ग्वालियर जिले के शिक्षकों का अपमान बताते हुए कहा कि मंत्री सदन में इस व्यवस्था को समाप्त करने की घोषणा करें। अपने जवाब में मंत्री जोशी ने कहा कि विभाग उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शिक्षामित्र एेप बना रहा है, उसके आते ही यह व्यवस्था हटा दी जाएगी।
कांग्रेस के सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह समेत अन्य सदस्य इस व्यवस्था को खत्म किए जाने पर जोर देते रहे।
पार्टी विधायक रामनिवास रावत ने इसे शिक्षकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए कहा कि अगर कोई शिक्षक चेकपोस्ट पर हस्ताक्षर करने के बाद भी स्कूल नहीं जाएगा, तो सरकार क्या करेगी।
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता का चेकपाेस्ट से कोई संबंध नहीं है और सरकार संकुल प्रभारी के माध्यम से उपस्थिति सुनिश्चित कराते हुए इस परंपरा को तत्काल समाप्त करने की घोषणा करे।
कांग्रेस के लगातार हंगामे और दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद भी मंत्री जोशी ने ऐप बन जाने पर ही व्यवस्था समाप्त करने की बात कही, जिसे सुन कर कांग्रेस सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।
यादव ने विधानसभा परिसर में बताया कि ग्वालियर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए शासन की ओर से चार अक्टूबर को चेकपोस्ट बनाए जाने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके तहत स्कूल से एक निश्चित दूरी पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जिन पर एक व्यक्ति एक रजिस्टर के साथ तैनात किया गया है।
आदेश में कहा गया है कि उस रास्ते से गुजरने वाले शिक्षक को सुबह और शाम दोनों समय अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए उस पर हस्ताक्षर करने होंगे।
उन्होंने बताया कि इस निर्णय में कई व्यावहारिक परेशानियां हैं। बसों से निकलने वाले शिक्षकों के बस में से उतर कर हस्ताक्षर करने से उनकी बसें छूट रहीं हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि चेकपोस्ट पर तैनात लोगों की कई शिक्षकों से सांठ-गांठ हो गई है, जिससे वे शिक्षकों के घर जाकर उनके हस्ताक्षर करवा रहे हैं, ऐसे में उपस्थिति का कोई मायना ही नहीं बच रहा।


