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मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा के दिग्गजों के मैदान में उतरने से कांग्रेस उत्साहित

राजनीति में संभवतः ऐसा कम ही होता है जब एक दल की उम्मीदवारों की सूची आए और उसके विरोधी दल के नेता खुश और उत्साहित हों

मध्य प्रदेश चुनाव में भाजपा के दिग्गजों के मैदान में उतरने से कांग्रेस उत्साहित
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भोपाल। राजनीति में संभवतः ऐसा कम ही होता है जब एक दल की उम्मीदवारों की सूची आए और उसके विरोधी दल के नेता खुश और उत्साहित हों। मध्य प्रदेश में भाजपा की दूसरी सूची में दिग्गजों के नाम ने कांग्रेस के नेताओं को उत्साहित कर दिया है। इसकी वजह भी है क्योंकि कांग्रेस को लगता है कि भाजपा के पास मुकाबला वाले उम्मीदवार कम बचे हैं इसलिए बड़े नेताओं को मैदान में उतारा गया है।

भाजपा ने पहली सूची में 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए और दूसरी सूची में भी 39 उम्मीदवारों के नाम हैं। दूसरी सूची की खासियत यह है कि इसमें केंद्रीय मंत्रियों से लेकर सांसदों तक को उम्मीदवार बनाया गया है। इनमें अधिकांश विधानसभा क्षेत्र वे हैं जहां वर्तमान में कांग्रेस का कब्जा है। भाजपा ने अपने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रल्हाद पटेल और फगन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा है तो वहीं चार सांसदों को विधानसभा के चुनाव में उम्मीदवार बनाया है।

इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा की सूची जारी होने के बाद हर कोई हैरान और आश्चर्यचकित था कि आखिर भाजपा ने इतनी बड़ी तादाद में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को आखिर विधानसभा का चुनाव लड़ाने का फैसला क्यों किया। इससे तो राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी आश्चर्यचकित थे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। मगर पार्टी ने जो कहा है उसे न नहीं कहूंगा।

एक तरफ जहां भाजपा नेता के इस तरह के बयान आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेता इस बात से उत्साहित हैं कि भाजपा को मुकाबले के लिए अपने सबसे ताकतवर नेताओं को मैदान में उतरना पड़ा है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा है कि दूसरी लिस्ट पर एक ही बात फिट है - नाम बड़े और दर्शन छोटे। भाजपा ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा का टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में।

इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी मध्य प्रदेश से चुनाव लड़ने का सुझाव देते हुए कहा है कि भाजपा से जितने सांसद, केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ेंगे सबका स्वागत है, हम तो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी एक-एक सीट का चयन कर लें। अगर चाहे तो आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी भी आ जाएं। मगर दो तिहाई सीटों के साथ कांग्रेस सरकार बनाएगी।


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