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कांग्रेस की डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने की मांग

कांग्रेस ने डीजल और पेट्रोल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग दोहराते हुए आज कहा कि इससे महंगाई पर रोक लगेगी और आम जनता को राहत मिलेगी।

कांग्रेस की डीजल और पेट्रोल को जीएसटी में शामिल करने की मांग
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नयी दिल्ली। कांग्रेस ने डीजल और पेट्रोल को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के दायरे में लाने की मांग दोहराते हुए आज कहा कि इससे महंगाई पर रोक लगेगी और आम जनता को राहत मिलेगी।

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। इससे आम आदमी को राहत मिलेगी। उन्होंने आंकड़ों के हवाले से कहा कि वर्ष 2014 के बाद से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 67 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है जबकि घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 110 प्रतिशत की तेजी आयी है।

उन्होंने कहा कि सरकार को भू संपदा, शराब, डीजल और पेट्रोल को जल्दी से जल्दी से जीएसटी के दायरे में लाना चाहिए। एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी भी वस्तु को जीएसटी के दायरे में लाने का अंतिम फैसला जीएसटी परिषद करती है और पेट्रोल तथा डीजल के बारे में केंद्र सरकार को प्रस्ताव लाना चाहिए। उन्होेंने कहा कि कांग्रेस पार्टी डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाने का समर्थन करती है।

एक अन्य सवाल पर श्री सिंघवी ने भारतीय रिजर्व बैंक के एक शोध पत्र के हवाले से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आमदनी घट रही है और कई मामलों में यह वास्तविक रुप से नकारात्मक हो गयी है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होेंने कहा कि यह मनरेगा को कमजोर करने के मोदी सरकार के निर्णय का नतीजा है। अगर सरकार डीजल पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में लाती है तो इसका लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली आबादी को भी मिलेगा।


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