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जहरीली शराब कांड मामले में कांग्रेस ने की मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग

उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने देहरादून में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत और अन्य छह का उपचार के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से इस्तीफा देने की मांग की।

जहरीली शराब कांड मामले में कांग्रेस ने की मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग
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देहरादून । उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस ने देहरादून में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत और अन्य छह का उपचार के मामले में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से इस्तीफा देने की मांग की।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि इस घटना से जाहिर हो गया कि त्रिवेंद्र सरकार विभागों को संभालने में विफल रही है और कांग्रेस मुख्यमंत्री से तत्काल इस्तीफा देने की मांग करती है और और जन संघर्ष मोर्चा ने उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

श्री सिंह ने कहा कि सरकार की नाक के नीचे ही जहरीली शराब का कारोबार चलना आश्चर्यजनक है। रुड़की में जहरीली शराब की दुर्भाग्यपूर्ण घटना से भी सरकार ने कोई सबक नहीं लिया। जनता सरकार की इस कार्यप्रणाली से अचंभित है। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश पहले से ही डेंगू समेत तमाम बीमारियों की चपेट में है। मुख्यमंत्री के पास स्वास्थ्य मंत्रालय भी है। अब इस मामले में आबकारी विभाग की बड़ी गलती सामने आ गई है। यह विभाग भी मुख्यमंत्री संभाल रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इससे यह साबित हो रहा है कि मुख्यमंत्री से विभाग संभल नहीं रहे हैं। उनकी इस लापरवाही के कारण जनता की मुसीबत बढ़ रही है।

दूसरी ओर, प्रतिदिन सूचना के अधिकार में साक्ष्य एकत्र कर सरकार की नींद खुलवाने के प्रयास में लगे जन संघर्ष मोर्चा ने विकासनगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जहरीली शराब से हुई मौतों के मामले में आबकारी और गृहमंत्री त्रिवेन्द्र के विरुद्व हत्या का मुकदमा दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग की।

मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मोर्चा पूर्व से ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र की माफियाओं से सांठगांठ को जगजाहिर कर चुका है। हैरानी की बात है राजधानी समेत पूरे प्रदेश में जहरीली शराब बिकने से जाहिर हाेता है कि निश्चित तौर पर गृह और आबकारी विभाग की इसमें सबसे बड़ी भूमिका है, क्योंकि अन्य प्रदेशों से बड़ी मात्रा में शराब, सरकार की शह पर राज्य में बिकती है।

उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री पूरी तरह जिम्मेदार हैं, क्योंकि इनके द्वारा पूर्व में शराब माफियाओं को लाभ पहुंचाने के लिए रातों-रात राज्य मार्ग को जिला मार्ग में परिवर्तित किया गया था तथा उच्चतम न्यायालय के आदेश को भी दरकिनार किया गया था।

श्री नेगी ने कहा कि इससे पहले भी हरिद्वार में लगभग 150 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी, जिसका सीधा-सीधा मतलब यह है कि मुख्यमंत्री माफियाओं को संरक्षण दे रहे हैं तथा परोक्ष रूप से एक साझेदार की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल बेवी रानी मौर्य से आबकारी, गृहमंत्री पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।


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