छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 11 संसदीय सचिवों की नियुक्ति घोषित करने की मांग की
छत्तीसगढ़ में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ग्यारह संसदीय सचिवों की नियुक्ति को पूरी तरह असंवैधानिक बताते हुए उन्हें अमान्य घोषित कर उनकी सभी सुविधा बंद करने की मांग की

रायपुर। छत्तीसगढ़ में विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने ग्यारह संसदीय सचिवों की नियुक्ति को पूरी तरह असंवैधानिक बताते हुए उन्हें अमान्य घोषित कर उनकी सभी सुविधा बंद करने की मांग की है। पार्टी का कहना है कि अगर राज्यपाल ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया होता, तो संसदीय सचिवों का पद कब का खत्म हो गया होता।
रायपुर के कांग्रेस भवन में सोमवार को प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता किरणमयी नायक और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने प्रेसवर्ता की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल बलरामदास टंडन अगर इस मामले में दायित्वों का निर्वहन नहीं करेंगे तो उनकी शिकायत राष्ट्रपति से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने अपना दायित्व भूल रहे हैं, वरना छत्तीसगढ़ में संसदीय सचिवों का पद कब का खत्म हो गया होता।
प्रवक्ता मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ग्यारह संसदीय सचिवों की नियुक्ति पूरी तरह असंवैधानिक है, जिसको लेकर दोहरा मापदंड अपनाया जा रहा है। रमन सरकार सभी 11 संसदीय सचिवों को अमान्य घोषित कर शासन उनकी सभी सुविधा बंद करे।
उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र बघेल के आने के बाद राष्ट्रपति से मिलने का वक्त लिया जाएगा, ताकि उनसे मिलकर संसदीय सचिवों के मुद्दे पर शिकायत की जा सके।
कांग्रेस ने यह मुद्दा एक बार फिर उठाया है, जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राष्ट्रपति से उन्हें अमान्य घोषित करने की सिफारिश की और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी सिफारिश पर मुहर लगा दी। इन विधायकों का कहना है कि उन्होंने कोई सुविधा नहीं ली। उनके नियुक्तपत्र में स्पष्ट लिखा था कि उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जाएगा। मंत्रियों की संख्या कम रखी गई है, इसलिए राष्ट्रीय राजधानी के विकास में वे अतिरिक्त जिम्मेदारी निभाएं।
आम आदमी पार्टी इस फैसले के खिलाफ अदालतों में अपील करेगी।


