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कांग्रेस ने की अमित शाह की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग

कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ. पी. रावत से मुलाकात कर उनसे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की राज्यसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की

कांग्रेस ने की अमित शाह की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग
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नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ओ. पी. रावत से मुलाकात कर उनसे भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की राज्यसभा की सदस्यता रद्द करने की मांग की। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में उपने दायित्व का खुलासा नहीं किया था, जिसके लिए उनकी सदस्यता रद्द होनी चाहिए। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की अगुवाई में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य चुनाव आयुक्त से मिला। सिब्बल ने कहा, "हमारा प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयुक्त से मिला। जनता का प्रतिनिधित्व अधिनियम 2004 के तहत जो कोई चुनाव लड़ता है उसे अपनी परिसंपत्ति व जायदाद का खुलासा करना होता है।"

उन्होंने कहा, "अगर कोई दायित्व है तो उन्हें उसका भी खुलासा करना चाहिए। अमित शाह अपनी दो जायदाद अपने पुत्र जय शाह के माध्यम से गुजरात में एक सहकारी बैंक के पास गिरवी रखी है, जिस पर उन्होंने 25 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। लेकिन उन्होंने चुनाव में दिए हलफनामे में उसका खुलासा नहीं किया है।"

सिब्बल ने कहा, "हमने चुनाव आयुक्त को कहा कि यह 2004 के कानून का उल्लंघन है। हमारे ज्ञापन को राज्यसभा के सभापति के पास भेजा जाना चाहिए ताकि अमित शाह के खिलाफ कार्रवाई हो सके।"

उन्होंने कहा, "चुनाव आयुक्त ने कहा कि उसने इसे संज्ञान में लिया है और जल्द ही इसपर फैसला लिया जाएगा। साथ ही समुचित कार्रवाई भी की जाएगी। हम इसे राजनीतिक मुद्दा बनाना नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि चुनाव आयुक्त इसपर कार्रवाई करें।"

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी, जयराम रमेश, विवेक तन्खा और प्रणव झा शामिल थे।

चुनाव आयुक्त को सौंपे ज्ञापन में पार्टी ने कहा, "हाल ही में आई खबर में यह बात प्रकाश में आई है कि 2017 में संसद सदस्य के तौर पर राज्यसभा चुनाव के नामांकन में अमित शाह ने अपनी घोषणा में जानबूझकर दायित्व की महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई।"

कांग्रेस ने कहा, "उच्च सदन के लिए हुए चुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करने के पहले ही अमित शाह ने अपने पुत्र जय शाह के व्यापारिक उद्यम कुसुम फिनसर्व एलएलपी के लिए कालुपुर कमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक (गुजराक सबसे बड़े सहकारी बैंकों में एक) के पास अपनी दो जायदाद गिरवी रखी थी।"

कांग्रेस ने कहा कि शाह की जायदाद बैंक द्वारा उनके पुत्र की कंपनी को दिए गए 25 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले में गिरवी रखी गई थी।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से ज्ञापन पर संज्ञान लेते हुए अमित शाह की राज्यसभा सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द करने के लिए समुचित कार्यवाही करने की मांग की।

कांग्रेस ने कहा, "चुनाव आयोग को झूठा हलफनामा दाखिल करने के लिए अमित शाह के खिलाफ अवश्य कार्रवाई करनी चाहिए। झूठा हलफनामा दाखिल करने के लिए छह महीने कारावास और या जुर्माने का प्रावधान है।"


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