कांग्रेस ने जावडेकर, सीबीएसई प्रमुख को हटाने की मांग की
कांग्रेस ने 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और सीबीएसई की चेयरपर्सन अनीता करवाल को बर्खास्त किए जाने और मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुरुवार को 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की चेयरपर्सन अनीता करवाल को बर्खास्त किए जाने और मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक बयान में आरोप लगाया कि एक 'परीक्षा माफिया' अंधाधुंध तरीके से अपना काम कर रहा है और जावडेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में व्यस्त हैं।
सुरजेवाला ने आरोप लगाया, "मोदी सरकार के अंतर्गत सीबीएसई के साथ धांधली और भ्रष्टाचार के कई मामले हुए हैं।"
बयान के अनुसार, "पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यकाल के दौरान सीबीएसई चेयरपर्सन का पद दो वर्ष तक खाली रहा। जुलाई 2017 में इस पद के लिए आर.के. चतुर्वेदी को नियुक्त किया गया था और गुजरात की मुख्य निर्वाचन अधिकारी रह चुकी अनीता करवाल को पिछले वर्ष अगस्त में नियुक्त किया गया था।"
सुरजेवाला ने करवाल पर परीक्षाओं को सही ढंग से आयोजित नहीं करवाने का आरोप लगाया और कहा कि 'एक समाचार रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उन्हें (करवाल को) परीक्षा होने से एक दिन पहले ही गणित की लीक प्रश्नपत्र की कॉपी मिल चुकी थी।'
उन्होंने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) और सीबीएसई, दोनों में प्रमुख पदों पर वे अधिकारी चुने गए हैं जो प्रधानमंत्री के गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य में उनके चहेते भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी थे।
कांग्रेस नेता ने कहा, "क्या सीबीएसई पेपर लीक मामले की एक अलग स्वतंत्र जांच नहीं होनी चाहिए? यह जिम्मेदारी तय करने का समय है। मानव संसाधन विकास मंत्री और सीबीएसई चेयरपर्सन को हटाया जाए।"
सीबीएसई ने बुधवार को कहा था कि वह अर्थशास्त्र और गणित की 10वीं और 12वीं की परीक्षा दोबारा करवाएगी। इस मामले में दिल्ली पुलिस की जांच जारी है।
कांग्रेस ने इस मामले पर 'परीक्षा योद्धा (एग्जाम वारियर्स)' किताब लिखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, "16.38 लाख छात्र कक्षा 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि 8 लाख छात्र कक्षा 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं। क्या वे नरेंद्र मोदी के लिए 'दोबारा परीक्षा देने वाले योद्धा' हैं।"


