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कांग्रेस ने मणिपुर में अवैध तरीके से वोट दिखाने पर चुनाव आयोग से शिकायत की

कांग्रेस ने आज चुनाव आयोग से आग्रह किया कि मणिपुर के विधानसभा अध्यक्ष सहित दो विधायकों के मतों को निरस्त किया जाए

कांग्रेस ने मणिपुर में अवैध तरीके से वोट दिखाने पर चुनाव आयोग से शिकायत की
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नई दिल्ली । कांग्रेस ने आज चुनाव आयोग से आग्रह किया कि मणिपुर के विधानसभा अध्यक्ष सहित दो विधायकों के मतों को निरस्त किया जाए, क्योंकि इन्होंने राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान मौजूद एजेंटों को अपने मत दिखाए हैं। पार्टी ने अपने दावे के समर्थन में एक वीडियो भी पेश किया है। मणिपुर से राज्यसभा की एक सीट के लिए भाजपा ने पूर्व नरेश लीसेम्बा सनाजाओबा को और कांग्रेस ने टी. मंगी बाबू को उम्मीदवार बनाया है।

चुनाव आयोग को दिए ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा, अध्यक्ष वाई. खेमचंद सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रतिनिधि को अपना वोट अनधिकृत तरीके से दिखाया है। वीडियो रिकॉडिर्ंग भी इस तथ्य को स्पष्ट कर देगी। दूसरी तरफ, कांग्रेस विधायक गामथांग हाओकिप ने भाजपा के अधिकृत प्रतिनिधि और उस समय कक्ष में मौजूद अन्य लोगों को अपना वोट दिखाया है।

कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कहा है कि इस सारे घटनाक्रम को वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है।

कांग्रेस ने राज्यसभा के चुनाव के लिए मतों को रद्द करने के संबंध में आठ अगस्त, 2017 के आदेश का हवाला दिया है।

यह आदेश चुनाव आयोग ने दिया था, जब अहमद पटेल चुनाव लड़ रहे थे और दो वोट इसी आधार पर अवैध घोषित किए गए थे।

उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की अगुवाई वाली तीन साल पुरानी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महागठबंधन सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा के तीन विधायकों ने इस्तीफा देकर कांग्रेस का दामन थाम लिया है। इसके अलावा सत्तारूढ़ दल नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार विधायकों ने मंत्रीपद छोड़ दिया है। साथ ही एक तृणमूल कांग्रेस विधायक और एक निर्दलीय विधायक ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस घटनाक्रम के एक दिन बाद ही कांग्रेस ने अब चुनाव आयोग के सामने भाजपा पर आरोप लगाया है।

भाजपा नीत महागठबंधन सरकार अब विधानसभा में अल्पमत में आ गई है।



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