कांग्रेस का 'चिंतन शिविर' एजेंडा : अर्थव्यवस्था, किसान और गठबंधन
कांग्रेस के उदयपुर में आगामी मंथन सत्र में आर्थिक मुद्दों और गठबंधनों पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। पार्टी ने कई समितियों का गठन किया हैं, जो सत्र के इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बैठक कर रही है।

कांग्रेस (Congress) के उदयपुर (Udaypur) में आगामी मंथन सत्र में आर्थिक मुद्दों और गठबंधनों पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। पार्टी ने कई समितियों का गठन किया हैं, जो सत्र के इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए बैठक कर रही है।
पार्टी का पहला फोकस अर्थव्यवस्था और किसानों के मुद्दे हैं। पार्टी को लगता है कि महंगाई लोगों के जीवन पर भारी असर डाल रही है। ईंधन और खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों ने घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है। वहीं घर के राशन की बढ़ती कीमतों ने भी जीना मुहाल किया हुआ है।
महंगाई के मुद्दे पर पार्टी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ Congress Spokes Person Gaurav Vallabh) ने कहा, 'यह प्रधानमंत्री का शासन मॉडल है। उन्होंने पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 200 फीसदी और डीजल पर उत्पाद शुल्क 500 फीसदी से ज्यादा बढ़ा दिया है, लेकिन अगर आप इसे कम करने के लिए कहें तो, वह कहेंगे कि मैं ऐसा नहीं कर सकता, यह राज्यों को करना होगा। क्या सचमुच यह शासन मॉडल है?
कांग्रेस का दूसरा मुद्दा संभावित सहयोगियों तक पहुंचना है और गठबंधन करना है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और झारखंड में कांग्रेस पार्टी गठबंधन सरकार का हिस्सा है, इसलिए यहां ज्यादा समस्या नहीं है। समस्या यूपी, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य में हैं, जहां क्षेत्रीय दल कांग्रेस के खिलाफ खड़े हैं और पार्टी की लगभग 180 लोकसभा सीटों पर कोई उपस्थिति नहीं है। यह बड़ी चिंता का कारण है। अपना खोया हुआ गौरव वापस पाने के लिए पार्टी को राज्यों में कड़ी मेहनत करनी होगी।
इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में और साल 2023 में कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में चुनाव होंगे। इन प्रमुख राज्यों में कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन करना होगा। 2024 के आम चुनावों में बीजेपी को चुनौती देने के लिए चुनाव जीतना होगा।
राजनीतिक मामलों की महत्वपूर्ण समिति की अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे, आर्थिक मामलों की समिति पी चिदंबरम की अध्यक्षता में, सामाजिक न्याय पर समिति की अध्यक्षता सलमान खुर्शीद करेंगे। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को आर्थिक समिति का सदस्य बनाकर प्रमुखता दी गई है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, किसानों के लिए गठित समिति का नेतृत्व कर रहे हैं, जो आगामी चुनावों में पार्टी का मुख्य फोकस होने जा रहा है, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे, राज्यसभा में एलओपी और गुलाम नबी आजाद, पूर्व नेता राज्यसभा में विपक्ष को राजनीतिक मामलों की समिति में सदस्य नियुक्त किया गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा और मनीष तिवारी पी चिदंबरम की अध्यक्षता वाली अर्थव्यवस्था पर समिति के सदस्य हैं। मुकुल वासनिक संगठनों पर समिति का नेतृत्व कर रहे हैं।
कांग्रेस 13 मई से उदयपुर में तीन दिवसीय 'नव संकल्प शिविर' (Nav Sankalp Shivir) आयोजित कर रही है। इस कदम से उनका फोकस 2024 के चुनावों पर होगा।


