कांग्रेस की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया बेहतर, सभी पार्टीजन ‘पंजे’ को देखकर करें कार्य - दिग्विजय
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी के विधानसभा चुनाव टिकट देने के बाद कुछ स्थानों पर उपजे असंतोष के परिप्रेक्ष्य में आज कहा कि वे पिछले चार दशकों से किसी न किसी प्रकार से प्रत्याशी चयन प्रक्रिया से जुड़े हैं और इस बार की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया सबसे बेहतर रही।

भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने पार्टी के विधानसभा चुनाव टिकट देने के बाद कुछ स्थानों पर उपजे असंतोष के परिप्रेक्ष्य में आज कहा कि वे पिछले चार दशकों से किसी न किसी प्रकार से प्रत्याशी चयन प्रक्रिया से जुड़े हैं और इस बार की प्रत्याशी चयन प्रक्रिया सबसे बेहतर रही। उन्होंने इसके साथ ही सभी पार्टीजनों से सभी मतभेद भूलकर सिर्फ ‘पंजे’ को देखकर कार्य करने का अनुरोध किया।
पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद श्री सिंह ने यहां पत्रकारों से चर्चा के दौरान सवालों के जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि राजनीति में प्रत्याशी चयन प्रक्रिया सबसे कठिन कार्य है। जो भी दावेदार रहता है, वो सभी दावे करते हैं कि उनकी जीत 25 हजार से अधिक मतों से होगी। लेकिन संगठन प्रत्याशी चयन के दौरान अनेक पहलुओं पर विचार करता है।
श्री सिंह ने बताया कि इस बार भी लगभग चार हजार दावेदारों में से 230 प्रत्याशियों का चयन करना था। इस दफे चयन प्रक्रिया पूरी निष्पक्षता के साथ हुयी। इसके लिए विभिन्न सर्वेक्षण के साथ ही ब्लाक, जिला स्तर पर चर्चा की गयी। स्क्रीनिंग कमेटी ने भी गंभीरता से नामों पर विचार विमर्श कर विभिन्न स्तरों पर रायमशविरा किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने डेढ़ साल में लगभग चार सर्वे कराए। अंतिम सर्वेक्षण सितंबर 2023 में हुआ। इसके अलावा विभिन्न स्तरों पर गहन विचार विमर्श हुआ। इसके बाद टिकट वितरण किया गया है।
श्री सिंह ने कहा कि जहां जहां भी टिकट वितरण को लेकर असंतोष या शिकायतें हैं, वहां वे स्वयं और कांग्रेस महासचिव एवं प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला मिलकर संबंधितों से चर्चा करेंगे। मामले देखेंगे। यदि किन्हीं लोगों के साथ अन्याय हुआ है, तो उन्हें समझाया जाएगा। श्री सिंह ने दावा करते हुए कहा कि इस समय राज्य की जनता बदलाव के पक्ष में है और कांग्रेस की सरकार बनाना चाहती है। मौजूदा भाजपा सरकार से कोई वर्ग खुश नहीं है। आरएसएस के लोग भी सरकार से खुश नहीं हैं। इसके अलावा कांग्रेस की तैयारियां वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से और बेहतर हैं। वहीं इस बार भाजपा सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा पिछली बार की तुलना में अधिक हैं।
शिवपुरी जिले के टिकट वितरण के संबंध में श्री सिंह ने कहा कि पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता के पी सिंह उस अंचल के स्थापित नेता हैं। पिछोर विधानसभा सीट से श्री के पी सिंह के खिलाफ अनेक दिग्गज चुनाव लड़े, लेकिन सबको पराजय झेलना पड़ी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि श्री के पी सिंह की क्षमता देखकर ही इस बार उन्हें पिछोर की बजाय शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया गया।
प्रत्याशियों की सूचियां जारी होने से पहले शिवपुरी से भाजपा के टिकट पर श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव लड़ने की अटकलें और उन्हें रोकने के लिए शिवपुरी से श्री के पी सिंह (कांग्रेस) को चुनाव लड़ाने संबंधी कांग्रेस की रणनीति से जुड़े सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि निश्चित तौर पर ही ऐसा किया गया और इसी वजह से वे (श्री सिंधिया) शिवपुरी से भाग खड़े हुए।
विपक्ष के गठबंधन ‘इंडिया’ के एक घटक दल समाजवादी पार्टी के मध्यप्रदेश में चुनाव गठबंधन संबंधी विवाद से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि श्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी किसी भी स्थिति में भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।


