कांग्रेस रह सकती है जीएसटी लांच से दूर
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की घोषणा 30 जून की आधीरात को पूरे तामझाम के साथ करने जा रही है और इसके लिए संसद के केंद्रीय कक्ष में विशेष सत्र बुलाएगी

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की घोषणा 30 जून की आधीरात को पूरे तामझाम के साथ करने जा रही है और इसके लिए संसद के केंद्रीय कक्ष में विशेष सत्र बुलाएगी।
विपक्षी कांग्रेस इस समारोह से खुद को अलग रख सकती है। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेने के लिए गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल व जयराम रमेश सहित वरिष्ठ नेताओं से चर्चा की।
तृणमूल कांग्रेस ने पहले ही इस मध्यरात्रि के कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला लिया है। तृणमूल का कहना है कि इस कर प्रणाली को देशभर में एक साथ लागू करने में सरकार 'अनावश्यक विनाशकारी जल्दबाजी' दिखा रही है। इसका वह विरोध करती है।
सूत्रों ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस चाहती है कि कांग्रेस भी यही रास्ता अपनाए।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का एक गुट जीएसटी कार्यक्रम में भाग लेने के पक्ष में हैं, क्योंकि जीएसटी कांग्रेस के ही दिमाग की उपज थी। लेकिन कांग्रेस का दूसरा गुट चाहता है कि पार्टी इसे लागू किए जाने के तरीके को लेकर गैरहाजिर रहकर विरोध प्रदर्शन करे।
देश को आजादी आधी रात को मिली थी। संसद के केंद्रीय कक्ष में अब तक तीन बार आधी रात को जश्न मनाया जा चुका है। तीनों बार आजादी से जुड़ा जश्न ही मनाया गया, लेकिन मोदी सरकार अपनी कर प्रणाली को 30 जून की आधी रात के जश्न के बीच लागू कर इसे यादगार बनाना चाहती है।


